पटना। बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवम्बर 1910 को बंगाली कायस्थ परिवार में ग्राम-औरी, जिला – नानी बेदवान (बंगाल) में हुआ था। इनका बचपन अपने जन्म स्थान के अतिरिक्त बंगाल प्रांत के वर्धमान जिला अंतर्गत खण्डा और मौसु में बीता। इनकी स्नातक स्तरीय शिक्षा पी.पी.एन. कॉलेज कानपुर में सम्पन्न हुई। 1924 में कानपुर में इनकी भगत सिंह से भेंट हुई। इसके बाद इन्होंने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के लिए कानपुर में कार्य करना प्रारंभ किया। इसी क्रम में बम बनाना भी सीखा।
स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिकारियों में बटुकेश्वर दत्त का नाम लिया जाता है। उन्होंने पब्लिक सेफ्टी बिल के विरोध में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के साथ असेंबली में बम फेंका था। कालापानी की सजा हुई थी। आजादी के बाद वे पटना में बस गए। बटुकेश्वर दत्त की इकलौती संतान प्रो.भारती बागची पटना के मगध महिला कॉलेज में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं।
बटुकेश्वर दत्त ने एक ऐसा सपना देखा था, जिसमें सभी को जीने का बराबर हक मिले। देशवासियों में प्रेम हो। 11 अक्टूबर, 2008 को उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनके परिवार और अन्य स्वाधीनता सेनानियों के परिजनों को बुलाया था। वहां तीन मूर्ति भवन संग्रहालय में रखवाने के लिए सामान देने का आग्रह किया था। बटुकेश्वर दत्त के इस्तेमाल किए हुए अधिकांश सामान वहां भिजवा दिए।