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गंगा सफाई का दावा भी निकला जुमला, WWF ने सबसे संकटग्रस्त नदी बताया

लखनऊ : 2014 के लोकसभा चुनाव का प्रचार याद कीजिए कैसे गंगा को साफ़ करने के बड़े बड़े वादें किए जा रहे थे। चुनाव जितने के बाद भाजपा सरकार ने गंगा सफाई के लिए बड़े बड़े पैकेज का भी एलान किया इसके लिए अलग से मंत्रालय भी बनाया गया।

4 साल सरकार के पुरे होने के बाद डब्ल्यूडब्ल्यूएफ (World Wildlife Fund)ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमे गंगा नदी को विश्व की सबसे संकटग्रस्त नदियों में से एक बताया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर प्रदूषण की बात करे तो ऋषिकेश से ही प्रदूषित हो रही है। गंगा किनारे लगातार बसायी जा रही बस्तियों चन्द्रभागा, मायाकुंड, शीशम झाड़ी में शौचालय तक नहीं हैं।

इसलिए यह गंदगी भी गंगा में मिल रही है, कानपुर की ओर 400 किमी उलटा जाने पर गंगा की दशा सबसे दयनीय दिखती है। ]\ इस शहर के साथ गंगा का गतिशील संबंध अब बमुश्किल ही रह गया है।

ऋषिकेश से लेकर कोलकाता तक गंगा के किनारे परमाणु बिजलीघर से लेकर रासायनिक खाद तक के कारखाने लगे हैं, जिसके कारण गंगा लगातार प्रदूषित हो रही है।

सरकार अपने किए गए वादों पर  अमल  नहीं कर पा रही है। आने वाले चुनाव ये विपक्ष के लिए सरकार पर हमला करने का बहुत बड़ा मुद्दा बन सकता है।

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Manish Srivastava