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भारत की विदेशों में हार बरकरार, आखिर कौन जिम्मेदार?

मेरा एक सवाल है? उन करोड़ो क्रिकेट प्रेमियों कि तरफ से भारत के क्रिकेट मैनजमेंट और विराट कोहली से।आप विश्व के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं।भारतीय कप्तान हैं और करोड़ो देश के युवाओं के आदर्श हैं। अगर मैं नासमझ हूं तो जरा मेरी बुद्धि को विकसित करने में अपना योगदान दें।

जब इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा वनडे मैच 17 जुलाई को था और एजबेस्टन में पहला टैस्ट 1 अगस्त को यानि कि बीच में 14 दिन। आप बड़े आराम से 4-4 दिन वालें दो अभ्यास मैच खेल सकते थे।न जाने क्यों आपने सिर्फ एक ही मैच को तरहीज़ दी। इस मैच को भी 4 दिनों से घटाकर 3 दिन करा दिया गया।

पहले टेस्ट में जिस प्रकार कि बल्लेबाजी विजय ,धवन और रहाणे कर रहें थे जो आपके बल्लेबाजी के स्तंभ हैं। देख के ही लग रहा था अभ्यास कितना जरूरी था।मैंने सुना था आप चुनौती से घबराने वाले क्रिकेटर नहीं हैं। लेकिन इतने बड़े दौरे से पहले इस तरह का अभ्यास आपको और क्रिकेट मैनजमेंट को नासमझ घोषित करता हैं।

बड़ी आस्था है हमारी क्रिकेट के प्रति बड़ा दुःख होता हैं जब हमारी आस्था से आपलोग इस प्रकार खिलवाड़ करते हो। हार जीत तो रहता हैं। लेकिन इस तरह का टीम का रवैया मेहनत से भागना किसी भी हाल में आपको और आपकी टीम को सही नहीं ठहराता। मैं अपने देश का नाम जीत के आगे देखना चाहता हूं और मुझे लगता हैं उसके लिए आपकी तैयारी पूरी नहीं थी।

 

ये लेखक के अपने विचार हैं।

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Manish Srivastava