समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव पूरी तरह नए तेवर में है। शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश से किनारा कर लिया है। इसके बाद वह लगातार सपा को कमजोर करने के लिए नई रणनीति बनाते नजर आ रहे हैं।
मीडिया ने जब सेक्युलर मोर्चे के प्रवक्ता दीपक मिश्रा से बात की तो पता चला कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा मुलायम सिंह के बहाने अखिलेश पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने एक खास बातचीत में कहा कि सपा-बसपा के गंठबंधन में उनको भी शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि सेक्युलर मोर्चे में ही भाजपा को हराने का दम है, लेकिन पार्टी ने एक ऐसी शर्त रख दी है जो अखिलेश और मायावती दोनों को परेशान कर सकती है।
दरअसल शिवपाल का सेक्युलर मोर्चा चाहता है कि सपा और बसपा के महागठबंधन में शामिल हो लेकिन उस महागठबंधन का नेता कोई और नहीं बल्कि मुलायम सिंह हो। महागठबंधन भाजपा के खिलाफ लडऩे की बात करता हैं तो उन्हें समाजवादी सेक्युलर मोर्चे को भी शामिल करना होगा। अगर वह हमे सम्मानजनक सीटें देते हैं तो हम इसमें शामिल होने के बारे में सोच सकते हैं। उधर मुलायम सिहं को लेकर शिवपाल लगातार कह चुके हैं कि नेताजी का आर्शिवाद मिला हुआ है और वह चाहते हैं कि मुलायम उनके साथ रहे ताकि उनकी पार्टी को नई ताकत मिलेंगी।