नई दिल्ली। 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने के बाद से सियासी हलचल भी तेज हो गई है। नोटबंदी के फैसले से आम जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए विपक्षी दल सरकार को संसद में घेरने के लिए पूरी तरह कमर कस चुके हैं।
सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस, टीएमसी, सीपीएम, आरजेडी, जेडीयू और कई दूसरे विपक्षी दलों ने बैठक की और सरकार को संसद में घेरने की रणनीति पर चर्चा की। मंगलवार को भी ये पार्टियां एक साथ बैठेंगी।
बुधवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और कांग्रेस उसी दिन 100 विपक्षी सांसदों के साथ संसद से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च निकालने के लिए तैयार करने की कोशिश कर रही है। विपक्षी दल बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार से नोट बैन के फैसले को वापस लेने की मांग कर सकते हैं।
सोमवार को करीब एक ही समय कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने अलग-अलग जगहों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार पर हल्ला बोला। केजरीवाल ने कहा कि पीएम कह रहे हैं कि गरीब चैन से सो रहा है और अमीर नींद की गोलियां खा रहा है। जबकि असल में मोदी जी के दोस्त चैन से सो रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर टैक्स टेररेजम शुरू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से छोटे व्यापारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं तो वही मायावती ने कहा सरकार अमीरो की मदद कर रही है ।