नई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना की कायराना हरकत एक बार फिर सामने आई है। सांबा जिले के रामगढ़ सब सेक्टर में घायल हुए बीएसएफ के जवान को मारने से पहले पाकिस्तानी सेना उसे घंटों तड़पाया था। बीएसएफ के जवान को एक गोली शुरूआती हमले में लगी थी। बाकी दो गोलियां उन्हें यातनाएं देने के बाद मारी गईं। जवान का शव देखकर हर किसी की रूह कांप गई। जवान का गला रेता गया है। उनकी एक टांग कटी हुई है। एक आंख गायब है। पीठ पर करंट लगाने से झुलसने के निशान हैं। सोनीपत के खरखौदा क्षेत्र के गांव थाना कलां के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह के लापता होने के करीब 9 घंटे बाद उनका शव मिला था।
वहीँ, घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तथा नियंत्रण रेखा पर ”हाई अलर्ट जारी कर दिया। बीएसएफ ने अपने समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ाई के साथ यह मुद्दा उठाया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार के शरीर में तीन गोलियों के निशान भी मिले हैं। उन्हें पाकिस्तानी सेना के शार्प शूटर्स ने अपना निशाना बनाया था। पहली गोली लगने के बाद वह घायल हो गए जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उनके साथ बर्बरता करने के बाद उनकी हत्या कर दी।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर्स से लापता जवान का पता लगाने के लिए संयुक्त गश्त में शामिल होने को कहा गया था, लेकिन पाक रेंजर्स ने एक स्थान तक आने के बाद समन्वित कार्रवाई में शामिल न हो पाने के लिए इलाके में पानी जमा होने का बहाना बना दिया। तब बीएसएफ ने सूर्यास्त का इंतजार किया और जवान का शव चौकी तक लाने के लिए जोखिम भरा अभियान शुरू किया।अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जवान के साथ क्रूरता की घटना संभवत: पहली है और सरकार, विदेश मंत्रालय एवं सीमा अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि यह मुद्दा पाकिस्तानी समकक्षों के समक्ष भी उठाया जाएगा।