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हाथों में बंदूक थाम आतंकियों से लड़ने उतर पड़ी कराची की महिला SSP, इनके बारे में जानिए सबकुछ

नई दिल्ली। चीन के दूतावास पर शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में महिला एसएसपी सुहाई अजीज तालपुर की बहादुरी के चर्चे इस समय सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। सुहाई ने बहादुरी दिखाते हुए चीन के कई राजनयिकों की जान बचाई। कराची में चीनी दूतावास पर बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के हमले के दौरान सुहाई ने ही ऑपरेशन का नेतृत्व किया। साथ ही, यह सुनिश्चित किया कि हैंड ग्रेनेड, असॉल्ट राइफल्स और विस्फोटकों से लैस आतंकी किसी भी कीमत पर दूतावास की इमारत के अंदर दाखिल न हो पाएं।

पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों के पास खाद्य सामग्रियां एवं दवाइयां भी थीं जिससे लगता है कि वह उन्हें बंधक बनाने की फिराक में थे. लेकिन जैसे ही वह दूतावास के द्वार तक पहुंचे पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई लेकिन सभी हमलावर मारे गए। बता दें कि सुहाई अजीज तालपुर जब बच्ची थी तो प्राइवेट स्कूल में दाखिला लेने के कारण उसके अपनों ने ही छोड़ दिया था, आज पूरे पाकिस्तान में उसकी तारीफ हो रही है। गांव की वह बच्ची अब कराची पुलिस की महिला अफसर बन चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुहाई सिंध प्रांत के तंडो मुहम्मद खान जिले के भाई खान तालपुर गांव के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं। 2013 में सेंट्रल सुपरियर सर्विसेज एग्जाम पास करने के बाद वह पुलिस बल में शामिल हुई थी। उन्हें पढ़ाने को लेकर उनके रिश्तेदारों ने उनके परिवार को इतने ताने मारे थे कि उनके परिवार को गांव छोड़ कर दूसरे कस्बे में जाकर बसना पड़ा। उनके पिता अजीज तालपुर एक राजनीतिक कार्यकर्ता एवं लेखक थे और उन्होंने अपनी बेटी के लिए बड़े सपने देखे थे।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH