प्रयागराज। अगर कुंभ मेला घूमते समय आपके बच्चे खो जातें है तो खबराइएगा नहीं क्यूंकि इस बार कुंभ में आए भक्तों के लिए प्रशासन ने एक नायाब तरीका खोज निकाला है। जिसके चलते आप बिना किसी परेशानी के अपने बच्चों का आसानी से पता लगा पाएंगे।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी की संस्था ‘कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन’ ने कहा कि मकर संक्रांति से आरंभ हो रहे कुंभ मेले के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी बड़ी संख्या में आते हैं और इन बच्चों पर मानव तस्करी से जुड़े समूहों की नज़र रहती है। ऐसे में खोने वाले बच्चों को ढूंढने में प्रशासन की मदद के लिए कुंभ में वह अपने स्वयंसेवी तैनात करेंगे।
राज्य सरकार एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुंभ मेले में कई जगहों पर खोया-पाया केंद्रों (Khoya-Paya Kendra) की भी स्थापना भी की है जिसमें आप जाकर अपने खोये बच्चों कि पूछताछ कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भी कुंभ के दौरान 14 साल से कम उम्र के बच्चों को ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान’ (आरएफआईडी) टैग लगाएगी, ताकि भीड़ में खोने वाले बच्चों का पता लगाया जा सके।
रिपोर्ट-प्रार्थना श्रीवास्तव