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JNU चार्जशीट केस पर दिल्ली सरकार को कोर्ट की फटकार

9 फरवरी 2016 को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारों से पूरा देश वखिफ़ है लेकिन जेएनयू विरोधी नारो पर बनी चार्जशीट को अभी तक दिल्ली सरकार ने अनुमति नहीं दी है। दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, लेकिन चार्जशीट दाखिल करने से पहले पुलिस ने दिल्ली सरकार से मंजूरी नहीं ली थी। ऐसे में देशद्रोह के मामले में चार्जशीट पर कोर्ट राज्य सरकार की मंजूरी के बिना सुनवाई नहीं कर सकती।दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बताया कि देशद्रोह के आरोपों पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई अनुमति नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और चार्जशीट और जेएनयू मामले को जल्द से जल्द ख़तम करे का आदेश दिया। कोर्ट ने अब चार्जशीट पर सुनवाई 28 फरवरी तक टाल दी।JNU देशद्रोह केस में 6 फोन से मिले वीडियो मिलेहैं जिन्हें चार्जशीट में बनाया सबूत बनाया गया है। मीडिया चैनल के वीडियो से आरोपियों की पहचान की जा रही है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट सेक्शन-124 A,323,465,471,143,149,147,120B के तहत पेश की गई है। चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य शामिल हैं। चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस को कन्हैया का देश विरोधी भाषण का एक वीडियो भी मिला है। इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी। चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ हो चुकी है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में मिले सबूतों को सीबीआई की सीएफएसएल (CFSL) में जांच के लिए भेजा था जिसके नमूने पॉजिटिव पाए गए थे, इसके अलावा मौके पर मौजूद कई लोगों के बयान, मोबाइल फुटेज, फेसबुक पोस्ट, बैनर पोस्टर शामिल हैं। वहीं जेएनयू प्रशासन, एबीवीपी के छात्र, सिक्योरिटी गार्ड, औऱ कुछ अन्य छात्र को भी इसमें गवाह बनाया गया है। इस मामले करीब 30 और लोग संदिग्ध पाए गए थे। तय आरोपों के अनुसार कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की जानकारी पहले से थी। सात कश्मीरी छात्रों जिनके नाम चार्जशीट में हैं। उनसे भी पूछताछ की जा चुकी हैं, पर इन्हें बिना गिरफ्तारी के चार्जशीट किया गया है। कुल 1200 पेज की चार्जशीट है। इस ममाले में 90 गवाह बनाए गए।

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Prarthana Srivastava