देहरादून। जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए मेजर चित्रेश सिंह का उत्तराखंड के हरिद्वार में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मेजर के अंतिम दर्शन में शामिल हर किसी की आंख नम थी। खुली जीप पर मेजर का शव जब सड़क से निकला तो हर कोई नम आंखों से उन्हें विदाई दे रहा था। इस दौरान स्थानीय लोगों ने वंदे मातरम और चित्रेश बिष्ट अमर रहें के नारे भी लगाए। उनका पार्थिव शरीर रविवार शाम को देहरादून स्थित उनके आवास में पहुंचाया गया। मेजर के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सेना के वरिष्ठ अफसरों के अलावा उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे। सीएम ने मेजर चित्रेश सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
अधिकारियों ने अनुसार, 16 फरवरी को दोपहर करीब तीन बजे नौशेरा सेक्टर में ट्रैक पर बारूदी सुरंग का पता चला था। मेजर बिष्ट के नेतृत्व में बम निरोधक दस्ते ने एक बारूदी सुरंग को तो सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया, लेकिन जब वे दूसरी सुरंग को निष्क्रिय कर रहे थे तो उसमें विस्फोट हो गया जिसमें मेजर विष्ट शहीद हो गए और एक जवान घायल हो गया।
बता दें कि 31 साल के मेजर बिष्ट की सात मार्च को शादी थी और शादी के कार्ड तक बंट चुके थे। मेजर बिष्ट के पिता एसएस बिष्ट उन्हें बार-बार शादी की तैयारियों के लिए छुट्टी लेकर आने को कह रहे थे लेकिन उन्होंने अपने फर्ज को तवज्जो दिया। वह 28 फरवरी को शादी के लिए छुट्टी लेकर घर आने वाले थे।
चित्रेश भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से साल 2010 में पासआउट हुए थे। चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट, उत्तराखंड के रानीखेत के पीपली गांव के रहने वाले हैं। शनिवार को चित्रेश के पिता शादी का कार्ड बांटकर घर लौटे थे, तभी उनको बेटे की शहादत की खबर मिली। उनकी शहादत से घर में मातम का माहौल है और परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है।