जीकेएएलएफ के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद घाटी में शुक्रवार की देर रात यह भी चर्चा शुरू हो गई है। अनुच्छेद 35 -A पर केंद्र सरकार ने कुछ सकारात्मक फैसला ले लिया है। इससे घाटी में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे निपटने के लिए ही जम्मू से सीआरपीएफ की 100 कंपनियां भेजी जा रही हैं। इसमें सीआरपीएफ की 45, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल हैं।
Jammu Kashmir Liberation Front Chief Yasin Malik was detained from his residence in Srinagar last night, ahead of hearing on Article 35A in Supreme Court which is likely to take place on Monday. pic.twitter.com/S8c9QFhG1e
— ANI (@ANI) February 23, 2019
क्या है 35A?
अनुच्छेद 35A प्रावधान जम्मू कश्मीर के बाहर के व्यक्ति को जम्मू-कश्मीर में अचल संपत्ति खरीदने से प्रतिबंधित करते हैं. इस प्रावधान को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इसी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जम्मू-कश्मीर की ज्यादातर पार्टियां अनुच्छेद 35A के पक्ष में है. अनुच्छेद 35A अनुच्छेद 370 से ही जुड़ा है.
यह है 35-A में:-
-जम्मू एवं कश्मीर के बाहर का व्यक्ति राज्य में संपत्ति नहीं खरीद सकता।
-दूसरे राज्य का कोई भी व्यक्ति कश्मीर का नागरिक नहीं बन सकता।
-यदि राज्य की लड़की किसी बाहरी लड़के से शादी करती है तो उसके सारे अधिकार समाप्त हो जाएंगे।
-35-A ही वो कारण है जिसकी वजह से पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थी अब भी राज्य के मौलिक अधिकार तथा अपनी पहचान से वंचित हैं।
-जम्मू एवं कश्मीर में रह रहे लोग जिनके पास स्थायी निवास प्रमाणपत्र नहीं है, वे लोकसभा चुनाव में तो वोट दे सकते हैं लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में वोट नहीं दे सकते हैं।
-राज्य का नागरिक केवल वह ही माना जाएगा जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो या इससे पहले या इस दौरान यहां पहले ही संपत्ति हासिल कर रखी हो।