नई दिल्ली। भारत सरकार के दबाव के बाद पाकिस्तान ने भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद इस बात की घोषणा की। पायलट अभिनंदन कल दोपहर तक भारत वापस आएंगे। पाकिस्तान के पास अभिनंदन को वापस भारत भेजने के अलावा कोई चारा भी नहीं था, क्योंकि पाकिस्तान भी ये बात जानता है कि भारतीय सेना के आगे उसकी सेना कहीं नहीं ठहरती। अगर वो अभिनंदन को वापस भारत नहीं भेजता तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती।
वैसे देखा जाए तो जमीन पर ही नहीं आसमान में भी भारत, पाकिस्तान से कहीं आगे है। दरअसल, भारत के पास ऐसी एक ताकत है जिसका मुकाबला पाकिस्तान कर ही नहीं सकता। भारत अपने इसरो के उपग्रहों के जरिए पाकिस्तान के 87 फीसदी क्षेत्र पर पैनी नजर रखता है। इसे देखते हुए भारत हमेशा बढ़त पर रहेगा और पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सामरिक इलाकों की गतिविधियों को देख सकता है। इन उपग्रहों के जरिए महत्वपूर्ण नक्शे और तस्वीरें ली जा सकती हैं।
भारत अपने सैटेलाइट्स के जरिए पाकिस्तान के 8.8 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से लगभग 7.7 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पर नजर रखने में सक्षम है। इन एरिया में सैटेलाइट्स के जरिए भारतीय सेना को 0.65 मीटर की उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें मिल सकती हैं। भारत की यह क्षमता दूसरे पड़ोसी देशों के लिए भी है। हमारे सैटेलाइट्स 14 देशों के कुल 55 लाख वर्ग किलोमीटर हिस्से को मैप कर सकते हैं, लेकिन चीन को लेकर डिटेल्स अभी उपलब्ध नहीं है।
भारतीय सेनाओं की मदद करने वाली प्रमुख सैटेलाइट्स में जीसैट-7, जीसैट-7ए, भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) तारामंडल, मिक्रोसैट, रिसैट और हाल में ही लांच हुई HysIS सैटेलाइट शामिल हैं। सैन्य उपयोग में आने वाली सैटेलाइट्स की गिनती 10 से ज्यादा है।