नई दिल्ली | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार के नोटबंदी के कदम का उनके द्वारा समर्थन करने का यह मतलब नहीं निकालना चाहिए कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नजदीक जाने का संकेत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार पांच साल पूरे करेगी।
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मिट में उन्होंने कहा, “मैं भ्रष्टाचार के बिल्कुल खिलाफ हूं और इसके खिलाफ किसी भी कदम का बिना सोचे समर्थन करता हूं। मैं नोटबंदी का समर्थन करता हूं, क्योंकि यह एक अच्छा कदम है। लेकिन, मेरे इस समर्थन का यह मतलब नहीं निकालना चाहिए कि मैं भाजपा के नजदीक जा रहा हूं।”
नीतीश ने दोहराया कि गठबंधन के पूर्व घटक की ‘घर वापसी’ नहीं होगी। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) का भाजपा के साथ 17 वर्षो तक गठबंधन रहा है।
उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के रामविलास पासवान की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा बनने के लिए नीतीश कुमार का स्वागत है।
नीतीश कुमार ने कहा, “यह (पासवान) वही आदमी हैं, जो पाकिस्तान गए थे और उन्होंने कहा था कि गुजरात दंगे के बाद उन्होंने गठबंधन से नाता तोड़ लिया। और आज वह इस तरह की बातें कर रहे हैं। मैं इस तरह के लोगों के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करता हूं।”
नोटबंदी की घोषणा के बाद उनके भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने की खबर को भी उन्होंने बकवास करार दिया।
नीतीश ने मीडिया रपट के बारे में कहा, “जिस महिला पत्रकार ने यह खबर दी कि उनके फॉर्म हाउस पर बैठक हुई है, उसी को इस बारे में जवाब देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ महागठबंधन की सरकार पांच साल पूरे करेगी।