नई दिल्ली। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अब हमारे बीच नहीं रहे। रविवार शाम उनका निधन हो गया। वह 63 साल के थे। मनोहर पर्रिकर पैनक्रियाज कैंसर से पीड़ित थे। जानकारी के मुताबिक, मनोहर पर्रिकर और उनके डॉक्टरों को इस बीमारी का पता 18 मार्च 2018 चला था। बताया जा रहा है कि शुरुआत में मनोहर पर्रिकर को पेट में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टरों की मदद ली और तब उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला।
मेडिकल साइंस में इस बीमारी को ‘मूक कैंसर’ भी कहा जाता है। इस बीमारी के लक्षण शरीर में मौजूद तो होते हैं लेकिन आसानी से नजर नहीं आते। इस बीमारी के ट्यूमर शुरुआती स्तर पर डॉक्टरों की पकड़ में नहीं आते हैं, जब तक ये बीमारी शरीर के दूसरे हिस्सों में ना पहुंच जाए तबतक लोगों को कुछ महसूस भी नहीं होता है। हालांकि इस बीमारी के कुछ खास लक्षण भी हैं। मसलन- पेट के ऊपरी भाग में दर्द, कमजोरी महसूस होना, वजन घटना, स्किन, आंख और यूरिन का रंग पीला हो जाना, भूख न लगना, जी मिलचाना।
आपको बता दें कि पैंक्रियाज यानी अग्नाशय हमारे पाचन तंत्र का अहम हिस्सा है। यहा मछली के आकार के जैसा होता है। इसकी लंबाई तकरीबन 6 इंच होती है। यहा छोटी आंत, लिवर और स्प्ली से घिरा रहता है। इसका अगला हिस्सा बड़ा और पिछला हिस्सा छोटा होता है। यह हमारे खाने को ऊर्जा में बदलता है और दूसरे सेल्स में इसे भेजता है। इस अंग की सेहत खराब होने का मतलब है शरीर को मिलने वाले ऊर्जा के पूरे सिस्टम का ही बिगड़ जाना। पैनक्रियाज में परेशानी का असर पाचन संबंधी समस्या के रूप में सामने आता है। इसके अलावा गंभीर स्थिति होने पर मधुमेह, अग्नाशशय का कैंसर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। पैनक्रियाज के लिए सबसे खतरनाक कैंसर की बीमारी होती है।