नई दिल्ली। पंजाब के खरड़ में एक महिला अधिकारी को ईमानदारी की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। महिला अधिकारी का कसूर सिफर इतना था कि उसने एक मेडिकल स्टोर पर छापा मरकर उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया था। महिला अधिकारी का नाम डॉक्टर नेहा शौरी था, वो जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी ऑफ फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन में ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थीं। हमलावार ने डॉक्टर नेहा पर ड्रग एंड केमिकल टेस्टिंग लेबोरेटरी में तीन फायर किए जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद वो भागने लगा, लोगों ने उसे पकड़ा तो उसने खुद को भी गोली मार ली और उसकी भी मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक़, आरोपी बलविंदर साल 2009 में मोरिंडा में जसप्रीत मेडिकल स्टोर नाम की कैमिस्ट शॉप चलाता था। उस समय डॉ शौरी रोपड़ में ड्रग इंस्पेक्टर के रूप में तैनात थी। डॉ। शौरी ने 29 सितंबर 2009 को जसप्रीत मेडिल स्टोर पर छापा मारा था। इस दौरान नशे में प्रयोग होने वाली 35 तरह की दवाईयां आरोपी के स्टोर से बरामद हुई थी। जिस संबंधी उसके बाद कोई दस्तावेज नहीं थे। इस कारण डॉ। शौरी ने जसप्रीत मेकिडल स्टोर का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था। बताया जा रहा है इसी बात को लेकर बलविंदर गुस्से में था और उसने नेहा से इसका बदला लेने की ठान रखी थी।
पुलिस ने बताया कि उसने आठ मार्च 2019 को 32 बोर की रिवाल्वर खरीदी थी। आरोपी पिस्तौल लेकर सिविल अस्तपाल खरड़ में गया। इसके बाद वह फूड कैमिकल टेस्टिंग लैंब में पहुंचा। जिसने वहां पर जोनल लाइसेंस अथारिटी डॉ। नेहा शौरी की तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने कहा कि हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू की गई है।