अहमदाबाद। गुजरात के जूनागढ़ और आसपास के इलाकों के लोग जिस गैंगस्टर से खौफ खाते थे उसे गुजरात ATS की महिला टीम ने घुटनों के बल ला दिया। इसकी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें खौफ का दूसरा नाम था जुसब अल्लारख्खा सांध जमीन पर असहाय बैठा हुआ है और उसके बगल में गुजरात एटीएस की चार महिला पुलिस अफसर खड़ी हुई हैं। सभी महिला अफसरों के हाथ में बंदूक है। महिला अफसर संतोक बेन, नितमिका, अरुणा बेन और शकुंतला बेन ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। संतोक बेन ऑडेदरा ने बताया कि अपराधी जुसब को पकड़ने की तैयारी तीन महीने से चल रही थी।
जुसब अल्लारख्खा शातिर गैंगस्टर है। 15 से ज्यादा हत्या और दर्जनों लूटपाट और जबरन उगाही का आरोप है। जुसब अल्लारख्खा रक गुजरात पुलिस के एक बड़े अधिकारी पर भी हमला करने का आरोप है। गुजरात पुलिस को लंबे अरसे से इसकी तलाश थी। जुसब अल्लारख्खा वारदात को अंजाम देकर जंगल में छिप जाता। उसे कोई ट्रैस न कर सके, इसलिए मोबाइल फोन अपने साथ नहीं रखता था। जंगल में एक से दूसरी जगह जाने के लिए घोड़ी का इस्तेमाल करता था।
दरअसल, गुजरात एटीएस की टीम को जानकारी मिली थी कि बोटाद के जंगल में गैरकानूनी संदिग्ध कार्रवाई हो रही है। जिसके बाद गुजरात ATS के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने एक टीम बनाई, जिसमें 4 महिला पुलिस इंस्पेक्टर्स को शामिल किया गया। इस टीम ने शनिवार देर रात बोटाद के जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद महिला टीम ने अपने बुलंद हौसले की मिसाल कायम रखते हुए नामचीन डॉन जुसब अल्लारखा को गिरफ्तार कर लिया। अत्याधुनिक हथियारों से लैस इस टीम की कार्रवाई के आगे डॉन और इसके गुर्गों की एक न चली और इसे जान बचाने के लिए सरेंडर करना पड़ गया।