नई दिल्ली। सीकर जिले के बिड़ोदी गांव के कॉन्स्टेबल प्रहलाद चौधरी 40 सालों तक पुलिस की नौकरी करने के बाद जब रिटायर हुए तो सिटी डीएसपी ममता सारस्वत ने खुद अपनी गाड़ी ड्राइव करते हुए पुलिस लाइन तक उन्हें उनके घर पहुंचाया। हैरानी की बात ये है कि डीएसपी साहिबा को कार चलानी नहीं आती थी। इसके लिए उन्होंने चार महीने तक कार चलाना सीखा।
दरअसल, डीएसपी ममता सारस्वत ने पहले ही अपना मन बना लिया था कि वे कॉन्स्टेबल प्रहलाद चौधरी को खुद गाड़ी चला कर उनके घर छोड़कर आएंगी। इसके लिए उन्होंने 4 महीने खुद गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग ली। विदाई के दिन स्टाफ ने उन्हें उपहार दिए और विदाई समारोह का आयोजन किया।
चौधरी के दो बेटे हैं जिनमें से एक को उन्होंने डबल एमए करवाया है। दूसरा बेटा नवलगढ़ में अपना फोटो स्टूडियो चलाते हैं। एक बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है। चौधरी ने रवाना होने से पहले स्टाफ के लोगों को प्रणाम किया।