लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और यूपी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग सशक्तीकरण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिपद से बर्खास्त कर दिया गया है। सीएम योगी ने राज्यपाल से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी जिसके बाद राज्यपाल ने उनकी बर्खास्तगी की मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राजभर से जुड़े लोगों को निषमों और परिषदों से भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि राजभर ने इससे पहले इस्तीफा देने की घोषणा की थी लेकिन उसको तब स्वीकार नहीं किया गया था।
ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी की सिफारिश के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह फैसला 20 दिन पहले लेना चाहिए था। हालांकि उन्होंने अपनी बर्खास्तगी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सही फैसला किया है। राजभर ने कहा कि उन्होंने मंत्री रहते लगातार पिछड़ों के अधिकार की बात उठाई। यही बात मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी। उन्होंने ने कहा, हक मांगना बगावत तो समझो हम बागी हैं। उन्होंने कहा, “मैं पिछड़ा कल्याण वर्ग का मंत्री था। लिहाजा मेरा कर्तव्य था कि मैं उनकी बात उठाता। मैंने पिछड़ों को छात्रवृत्ति की बात उठाई, लेकिन मुख्यमंत्री के पास समय नहीं था।”
बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल व अन्य सदस्य, जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य हैं, सभी को तत्काल प्रभाव से हटाया है। इसके अलावा राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य थे। सभी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। आपको बता दें कि राजभर ने पहले भी इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था।