नई दिल्ली। संविधान में लोकसभा चुनाव के लिए सबसे कम उम्र 25 साल तय है। उसी उम्र में चंद्राणी मुर्मू अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके नौकरी ढूंढने निकली थी। वह बीजू जनता दल (बीजेडी) के टिकट पर क्योंझर लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर सदन पहुंची हैं। यह सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है। 25 साल 11 माह आयु की मर्मू लोकसभा में इतिहास बनाने जा रही हैं। वह अब तक की सबसे कम उम्र के सांसद होने का खिताब अपने नाम करने जा रही हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी के दो बार से सांसद रहे अनंत नायक को हराया है। कुछ महीने पहले, मुर्मू ने भुवनेश्वर स्थित एसओए विश्वविद्यालय से बी।टेक की पढ़ाई पूरी की है। इसके अलावा चन्द्राणी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं। चंद्राणी ने कहा, ‘मैं अपनी इंजिनियरिंग पूरा करने के बाद नौकरी खोज रही थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं राजनीति करूंगी और सांसद बनूंगी। मेरा नामांकन अप्रत्याशित था।’
इससे पहले इंडियन नैशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला 16वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे। उन्हें 2014 में हिसार लोकसभा सीट से 26 साल की उम्र में चुना गया था। ओडिशा में कुल 21 संसदीय सीट है जिनमें से सात महिला सांसद चुनी गईं हैं। यह संख्या राज्य में कुल सांसदों का 33 फीसदी है। ओडिशा संसद में 33 प्रतिशत महिला सांसदों की हिस्सेदारी वाला पहला राज्य है।