नई दिल्ली। रैगिंग पर बैन लगने के बाद से पिछले कई सालों से रैगिंग का कोई भी केस सामने नही आया था। रैगिंग को लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं लेकिन कुछ दिनों पहले मुंबई में डॉक्टर पायल तडवी ने अपने कुछ सीनियर्स के रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले की जानकारी ली है और अस्पताल को नोटिस जारी किया है। वहीं मुंबई कांग्रेस के प्रमुख मुरली देवड़ा ने संयुक्त पुलिस आयुक्त विनय चौबे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने डॉ।पायल तडवी के आत्महत्या मामले के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
तडवी ने 22 मई को खुदखुशी की थी। पायल की खुदखुशी का कारण अपनी वरिष्ठ सहकर्मियों द्वारा रैगिंग और जातीय टिप्पणी किए जाने से परेशान होना बताया गया है। जिन सीनियर्स पर इलज़ाम था, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि आत्महत्या के बाद से ही तीनों फरार थी। गिरफ्तार आरोपियों में अंकिता लोखंडवाला, हेमा आहुजा और भक्ति मेहर का नाम शामिल है। हेमा आहुजा को मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया वहीं भक्ति मेहर को मुंबई सेशन कोर्ट से मंगलवार शाम में गिरफ्तार किया गया। अंकिता खंडेलवाल को मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है।
पायल तडवी के परिवार वालों का आरोप है कि तीनों महिला डॉक्टरों ने उनके अनुसूचित जनजाति का होने को लेकर ताने कसती थी और मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी। पायल तडवी मुंबई के बीवाईएल नायर हॉस्पिटल में एमडी सेंकड ईयर की छात्रा थीं। डॉक्टर पायल का एडमिशन आरक्षित कोटे से हुआ था। इसी बात का जिक्र कर पायल के सीनियर उन्हें परेशान करते थे। छात्रा के परिवार वालों ने इस बात की शिकायत हॉस्टल वार्डन से भी की थी। वॉर्डन ने तीनों को बुलाकर समझाया भी था कि इस तरह की मानसिक प्रताड़ना से बाज आएं लेकिन सीनियर माने नहीं।