पटना। बिहार में मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) सहित अन्य अज्ञात बीमारी की वजह से अब तक 54 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि इसकी चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या 203 तक पहुंच गई है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन के मुताबिक इन मौतों की वजह हाइपोग्लाइसीमिया और अन्य अज्ञात बीमारी है। इस बीच सीएनएन की एक रिपोर्ट में इन मौतों की वजह को लीची भी बताया गया है।
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि लीची में पाया जाने वाले एक टॉक्सिन की वजह से यह मौतें हो रही हैं। बिहार शासन के स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से सीएनएन ने लिखा है कि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम नाम की बीमारी का असर इंसानी दिमाग पर बुखार के रूप में पड़ता है। मुजफ्फपुर जिले के दो अस्पतालों में जनवरी 2019 से अब तक इस बीमारी के 179 से ज्यादा मामले आ चुके हैं।
हालांकि मौत केवल पिछले दो सप्ताह में हुई हैं। वर्ष 2013 में इंसेफलाइटिस की वजह से उत्तर प्रदेश में भी करीब 351 मौतें हुई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भीषण गर्मी और गर्म हवाओं की वजह से इस साल भी इस बीमारी की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है।