नई दिल्ली। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जम्मू एवं कश्मीर की अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में अनुच्छेद 370 को हटाने के राष्ट्रपति के आदेश की अधिसूचना को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया गया है।
अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा दायर की गई पीआईएल के अनुसार, अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए से संबंधित अधिसूचना संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है और सरकार ने इस मामले में मनमाने और असंवैधानिक ढंग से काम किया है। याचिका में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति का आदेश असंवैधानिक है और केंद्र को संसदीय तरीके से यह काम करना चाहिए था।
इसके पहले सोमवार को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया।
जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा। राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के विभाजन का यह बिल 125 बनाम 61 के मुकाबले पास हो गया।