नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से लोगों के अदालत पहुंचने में कठिनाई के मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद जम्मू एवं कश्मीर का दौरा करेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने दावा किया कि जम्मू एवं कश्मीर में पाबंदी की वजह से उच्च न्यायालय पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसपर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद जाऊंगा और निजी तौर पर जांच करूंगा, मैं आज मुख्य न्यायाधीश से बात करूंगा।”
अहमदी ने बाल अधिकार कार्यकर्ताओं इनाक्षी गांगुली और शांता सिन्हा की ओर से अदालत में अपना पक्ष रख रखा। दोनों ने अपनी याचिका में जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अुनच्छेद 370 को हटाने के बाद राज्य में बच्चों की अवैध नजरबंदी का विरोध किया है। अदालत ने कहा कि अगर लोग न्याय पाने के लिए मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, तो यह गंभीर मामला है।
अधिवक्ता ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में उच्च न्यायालय जाना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसपर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “आपने यह बयान दिया है कि आप जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय नहीं जा सकते। क्या कोई रास्ते में आ रहा है। उच्च न्यायालय तक पहुंच सुलभ नहीं होना एक गंभीर मामला है।” गोगोई ने अधिवक्ता से यह भी कहा कि अगर शीर्ष अदालत के समक्ष दी जा रही सूचना गलत पाई गई तो आपको इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।