लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून की आग में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिले जल उठे। फिरोजाबाद, संभल, कानपुर, बिजनौर, गाजियाबाद, कानपुर, गोरखपुर आदि कई जिलों में उपद्रवियों ने कई वाहनों में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। इस हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 50 से अधिक लोग घायल हैं। हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्त एक्शन लेते हुए अब तक करीब 3000 लोगों को हिरासत में लिया है। हिंसा के बाद भी इन इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। एहतियातन सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश प्रशासन की ओर से दिया गया है। 21 जिलों में शनिवार रात 12 बजे तक के लिए इंटरनेट बंद है।
पथराव और गोलीबारी में पूरे प्रदेश में करीब 100 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर सुलतानपुर, गोंडा और बलरामपुर में भी उपद्रव की कोशिश हुई लेकिन, पुलिस ने टकराव टाल दिया। बलरामपुर, सीतापुर में भी पत्थरबाजी हुईं। फर्रुखाबाद में जुलूस रोकने पर आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। गोरखपुर में भी भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाया।
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हजारों लोगों ने शुक्रवार को रैलियां निकालीं। भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को शनिवार तड़के जामा मस्जिद के बाहर से हिरासत में लिया गया। वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ मस्जिद के अंदर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें बलिदान देना होगा ताकि कानून वापस लिया जाए। हम हिंसा का समर्थन नहीं करते। हम शुक्रवार सुबह से मस्जिद के अंदर बैठे थे और हमारे लोग हिंसा में शामिल नहीं थे।’ आपको बता दें कि आजाद शुक्रवार को पुलिस को चकमा देकर जामा मस्जिद पहुंचे थे। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों में भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हुए। इस बीच सरकार ने इस तरह का संकेत दिया है कि वह इस संबंध में सुझावों पर विचार करने को तैयार है।