लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद इसका पश्चिम बंगाल कनेक्शन निकलकर सामने आ रहा है। पुलिस को इसको लेकर अहम सुराग हाथ लगे हैं। बताया जा रहा है कि लखनऊ को हिंसा की आग में झोंकने के लिए पश्चिम बंगाल से भी लोग आए थे। लखनऊ में जो लोग हिंसा को लेकर पकड़े गए हैं उनसे पूछताछ में पता चला है कि लखनऊ में हिंसा भड़काने में पश्चिम बंगाल के लोगों का हाथ है। लखनऊ पुलिस ने पश्चिम बंगाल पुलिस से ऐसे लोगों की सूची मांगी है, जो संभावित हिंसा में शामिल हो सकते हैं।उत्तर प्रदेश खुफिया पुलिस की टीम भी पश्चिम बंगाल में रची गई साजिश को उजागर करने की जांच में जुटी है।
दरअसल शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस पर पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी। इसकी जांच में जुटी पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जो पश्चिम बंगाल के मालदा के निवासी हैं। पता चला है कि गिरफ्तारी के बाद जब इनसे परिचय पत्र मांगा गया तो इन्होंने साफ स्वीकार किया कि ये पश्चिम बंगाल के मालदा के रहने वाले हैं और केवल हिंसा फैलाने के लिए उन्हें लाया गया था।इनकी पहचान असलम, शाह आलम, सागर अली, संजू अली, खैरुल और सहेदुल के तौर पर हुई है।ये सारे मालदा के हरिशचंद्रपुर और आसपास के रहने वाले हैं।लखनऊ पुलिस ने इनकी रिपोर्ट पश्चिम बंगाल पुलिस को भेजी है।यहां भी पुलिस जांच में जुट गई है।
सूत्रों के अनुसार कि लखनऊ के परिवर्तन चौक पर हुए विरोध प्रदर्शन में करीब 200 से अधिक बाहरी लोग आए थे, जिसमें पश्चिम बंगाल बल्कि अलीगढ़ और दिल्ली से भी लोगों को लाया गया था। बाहरी महिलाएं भी आई थीं, जिन्होंने भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया था। कुल मिलाकर कहा जाए तो उत्तर प्रदेश में शुक्रवार की हिंसा के पीछे के चेहरे बेनकाब हो रहे हैं। यह पता चला है कि बर्बर तरीके से आंदोलन करने की साजिश रची गई थी और उसके लिए देश के उन शहरों से एक खास समुदाय के युवाओं को लाया गया था, जहां पहले से हिंसा होती रही है। पश्चिम बंगाल से और भी कई लोगों के वहां पहुंचने की सूचना है, इसलिए पुलिस ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। पश्चिम बंगाल से उत्तर प्रदेश जाने वाली गाड़ियों में विशेष तौर पर तलाशी अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है।