नई दिल्ली। अगर आपसे पूछा जाए कि यह कौन सा साल चल रहा है तो आप बिना वक्त गंवाए तुरंत बोल उठेंगे ‘2020’। लेकिन दुनिया में एक ऐसी भी जगह है जो वक्त से 7 साल पीछे चल रही है।
बात हैरानी कि जरुर है लेकिन 100 फीसदी सही है। इस देश का नाम है इथियोपिया। यह अफ्रीका का दूसरे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। इथियोपिया का कैलेंडर दुनिया से सात साल, तीन महीने पीछे चलता है, साथ ही यहां साल में 12 महीने नहीं बल्कि 13 महीने होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां नया साल भी एक जनवरी नहीं बल्कि 11 सितंबर को मनाते हैं।
दरअसल, दुनियाभर में माने जाने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत वर्ष 1582 में हुई थी। इससे पहले जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल होता था, लेकिन ग्रेगोरियन कैलेंडर आने के बाद से कैथोलिक चर्च को मानने वाले कई देशों ने नया कैलेंडर स्वीकार कर लिया, जबकि कई देश इसका विरोध कर रहे थे। इनमें इथियोपिया भी शामिल था। यही वजह है कि यहां का कैलेंडर अब भी साल 2012 में ही अटका हुआ है।
आमतौर पर 12 महीनों का एक साल माना जाता है, लेकिन इथियोपियन कैलेंडर में एक साल में 13 महीने होते हैं। इनमें से 12 महीनों में 30 दिन होते हैं, जबकि अंतिम यानी 13वां महीना मात्र पांच या छह दिन का होता है। इस अंतिम महीने को पाग्युमे कहते हैं।