भुवनेश्वर। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस ने दुनिया के सैकड़ों देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में अब तक 110 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। एहतियातन कई राज्यों की सरकारों ने स्कूल-कालेज, जिम और मॉल के खुलने पर बैन लगा दिया है। इस वायरस के डर के चलते लोग तरह-तरह के उपाय में जुटे हुए हैं। इसी बीच ओडिशा के नबरंगपुर जिले के मुरुतमा गांव की नविवाहित पर कोरोना वायरस के शक में बुरा बर्ताव हो रहा है। उसे प्रताड़ित किया जा रहा है।
महिला ने अपने ससुराल वालों और पति पर दहेज की मांग को लेकर पहले बुरा बर्ताव करने और फिर कोरोनोवायरस से संक्रमित होने के संदेह पर उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने कहा कि ससुराल वालों ने उसे कोरोना का मरीज बताकर एक कमरे में बंद कर दिया था। पीड़िता ने बताया है कि उसकी शादी इसी माह में दो तारीख को जयंत कुमार के साथ हुई थी। शादी के अगले दिन से ही ससुराल वाले उस पर अत्याचार करने लगे। यहां तक कि उसे कोरोना से संक्रमित बताकर बिस्तर की बजाय फर्श पर सोने के लिए मजबूर कर दिया गया।
साथ ही उसने यह भी आरोप लगाया है कि उसे शौचालय का इस्तेमाल भी नहीं करने दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शादी के दिन नविवाहिता के पिता ने वर पक्ष वालों को भारी-भरकम पैसे और गहने दिए थे। महिला पूजा के परिवार ने जयंत कुमार को दहेज के रूप में ढाई लाख रुपये नकद दिए थे। महिला ने बताया कि दो दिन की प्रताड़ना के बाद उसे जुकाम और बुखार हुआ तो उसे कोरोनावायरस के असर समझ लिया। उसके बाद उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया। वह करीब 10 दिन तक बंद कमरे में रही। उसे सही ढंग से खाना भी नहीं दिया जा रहा था। वह किसी तरह से कमरे से बाहर निकली और अपनी मायके पहुंच गई। महिला ने अपनी पूरी बात घरवालों को बताई और उमरकोट पुलिस थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई।