नई दिल्ली। कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर कहर बनकर टूट रहा है। अब तक इस वायरस से कई हजार लोगों की जान गई है जबकि संक्रमित लोगों की संख्या तो लाखों में है। भारत में भी इसकी संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। सबसे चिंता की बात ये है कि अब तक इसकी कोई दवा नहीं बन पाई है। दुनिया के कई बड़े देश इसकी दवा बनाने में लगे हैं लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। इस बीच भारत से एक खुश कर देने वाली खबर आई है। दरअसल भारत में एक नए तरीके से कोरोना का सफल इलाज किया जा सकता है।
श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST) और इंस्टीट्यूशन ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने इस जानलेवा वायरस से पीड़ित रोगियों को ज्यादा कारगर इलाज देने के लिए एक नया तरीक खोजा है।
इलाज की इस नई तकनीक को ‘प्लाज्मा थेरेपी’ कहा जाता है। उपचार के इस नए तरीके में रोगी से ठीक हुए एक शख्स के इम्यून सिस्टम की क्षमता के जरिए बीमार शख्स का इलाज किया जाता है। यानी भारत में अब वायरस को वायरस से ही मात देने की तैयारी की जा रही है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने भारत में इस तरीके से उपचार के लिए SCTIMST को मंजूरी दे दी है। SCTIMST की निदेशक डॉ आशा किशोर ने कहा, ” हमने भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) को ब्लड डोनेशन के मानदंडों में छूट की अनुमति के लिए आवेदन दिया है।
दरअसल, इलाज के इस तरीके में नए मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर उसके प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारी से लड़ने के लिए एंटीबॉडी तैयार किया जाता है।
एंटीबॉडी के जरिए शरीर में वायरस की पहचान होती है। इसके बाद मानव शरीर में पाए जाने वाले श्वेत रक्त कोशिकाएं ऐसे वायरस को शरीर के भीतर ही मार देती है जिससे शरीर को संक्रमण से छुटकारा मिल जाता है।