नई दिल्ली। सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए जब लॉकडाउन किया तो जो जहां था वहीँ फंस गया। कुछ दिन तो लोगों ने लॉकडाउन ख़त्म होने इंतजार किया लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो जो जहां था वहीँ से अपने घरों की ओर निकल पड़ा। इस दौरान सबसे ज्यादा परेशानी उठाई प्रवासी मजदूरों ने। सब कुछ बंद था तो ऐसे में कई जगहों से मजदूरों ने पैदल ही अपने अपने घरों की ओर यात्रा शुरू कर दी। इस दौरान मजदूरों और श्रमिकों की कई ऐसी कहानियां आईं जिसने लोगों की आँखों में आंसू ला दिए।
ऐसी ही एक कहानी तमिलनाडु के कोयम्बटूर से सामने आई है जहां एक शख्स के पास जब पैसे ख़त्म हो गए तो उसने अपनी बीवी और बच्चे के साथ घर जाने के लिए एक शख्स की बाइक चुरा ली। अपने बीवी-बच्चों को उस बाइक से लेकर घर वह पहुंच। लेकिन जैसे ही युवक का काम हो गया, उसने करीब दो हफ्ते बाद बाइक को पार्सल के जरिए बाइक के मालिक के पास वापस भेज दिया।
पार्सल वाले ने बाइक के मालिक सुरेश कुमार को फोन कर बाइक की सूचना दी जिस पर सुरेश हैरान रह गए जहां उन्हें अपनी बाइक मिलने की खुशी हुई तो वहीं पे ऑन डिलेवरी के ऑप्शन से थोड़ी निराशा हु। दरअसल, बाइक भेजने वाले शख्स ने आर्थिक तंगी के चलते पार्सल के पैसे नहीं दिए थे, जिसके चलते सुरेश कुमार को खुद ही पार्सल के पैसे देने पड़।