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जिस अनामिका शुक्ला के नाम पर सरकार को लगा 1 करोड़ का चूना, वो खुद निकली बेरोजगार

लखनऊ। जिस अनामिका शुक्ला के नाम पर 25 अनामिका शुक्ला सरकारी नौकरी करती रहीं और सरकार को करोड़ों रु का चूना लगा दिया। वो अनामिका शुक्ला पढ़ी लिखी हैं लेकिन बेरोजगार हैं। मंगलवार को अनामिका शुक्ला अपने पति और बच्चे को लेकर और अपने असली दस्तावेजों के साथ गोंडा जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी के दफ्तर पहुंच गईं जहां उसने एफीडेविट लिखकर दिया कि वही अनामिका शुक्ला हैं लेकिन बेरोजगार हैं।

उन्होंने बीएसए को बताया कि वर्ष 2017 में उन्होंने कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में साइंस टीचर के लिए आवेदन किया था। पोस्टिंग के विकल्प के तौर पर सुलतानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर और लखनऊ जिले भरे थे, लेकिन काउंसलिंग में कही भी नही शामिल हुई न ही कहीं नौकरी कर रही हूं। उस समय उन्होंने ऑपरेशन से बेटी ने जन्म दिया था और वर्ष 2019 में बेटे का जन्म हुआ।

उन्होंने बताया कि दो छोटे बच्चे होने के कारण नौकरी करने में असमर्थ थी। इसलिए अवसर मिलने पर भी मैं उसका लाभ नहीं उठा पाई। आज भी मैं बेरोजगार हूं और कहीं नौकरी नहीं कर रही हूं। इस मामले के बाद मैं परेशान हूं कि आखिर मेरे शैक्षिक अभिलेखों पर दूसरे लोगों को नौकरी कैसे मिल गई। अनामिका शुक्ला ने कहा कि मैं निर्दोष हूं और मेरे अभिलेखों का गलत प्रयोग कर कई जनपदों में नौकरी ले ली गई है। इसके बाद बीएसए डॉ. इंद्रजीत प्रजापति ने ऑनलाइन मुकदमा दर्ज करवाया।

अनामिका ने साल 2014 में बीएड किया। बीएड की पढ़ाई उसने अवध विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अम्बेडकर नगर जिले की टांडा तहसील के जियापुर बरुआ इलाके के आदर्श कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय से की। बीएड मे भी व फर्स्ट डिविजन पास हुई। अनामिका ने साल 2015 में यूपी टीईटी क्वालिफाई किया, जिसमें उसने 150 में से 90 अकं प्राप्त किए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH