लखनऊ। सीएम योगी ने मंगलवार को कोरोना को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने चिकित्सकों और शोधकर्ताओं का कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके मरीजों की केस हिस्ट्री का गहराई से अध्ययन कर प्रभावी इलाज ढूंढ़ने के प्रयास करने की अपील की है।
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना वायरस की अभी तक कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में जरूरी है कि चिकित्सक तथा शोधकर्ता प्रदेश में सफलतापूर्वक उपचारित किये गये रोगियों की केस हिस्ट्री का गहन अध्ययन करते हुए प्रभावी उपचार विधि विकसित करने का प्रयास करें।
योगी ने कोविड-19 के रोगियों की रिकवरी दर को और बेहतर करने के निर्देश देते हुए कहा कि बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बीमार तथा कमजोर व्यक्तियों की मेडिकल टेस्टिंग प्राथमिकता के आधार पर की जाये। प्रदेश में टेस्टिंग संख्या में लगातार वृद्धि किये जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मेडिकल टेस्ट करके कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है.
रैपिड एन्टीजन टेस्ट के जरिये रोजाना एक लाख टेस्ट, आरटीपीसीआर के माध्यम से 40 से 45 हजार तथा ट्रूनैट मशीन से 2,500 से 3,000 टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशक और चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के लिए सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए स्वास्थ्य सम्बन्धी पुख्ता इंतजाम करें।
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