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बेटे को परीक्षा दिलवाने के लिए पिता ने चलाई 105 किमी साइकिल, तीन दिन का राशन भी साथ ले गए

धार। मध्यप्रदेश के धार जिले में अपने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए पिता ने 105 किलोमीटर साइकिल चलाई। इतना ही नहीं वह बाकायदा अपने साथ तीन दिन का राशन भी साथ ले गए थे। फिलहाल मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने शोभाराम एवं उसके बेटे आशीष के लिए 24 अगस्त तक धार में एक आदिवासी हॉस्टल में ठहरने एवं भोजन का बंदोबस्त कर दिया है। साथ ही उनको गांव वापस भेजने के लिए वाहन का भी बंदोबस्त करेगा।

वाक्या धार जिले के मनावर तहसील के बायडीपुरा गांव का है। यहां मजदूरी करने वाले शोभाराम के बेटे ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं की परीक्षा दी थी मगर उसे सफलता नहीं मिली। राज्य सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में असफल छात्रों के लिए रुक जाना नहीं योजना शुरू की। इसके तहत असफल छात्र दोबारा परीक्षा दे सकते हैं और अपना भविष्य संवार सकते हैं।

शोभाराम के बेटे आशीष भी दसवीं की परीक्षा में असफल रहा और उसे भी रुक जाना नहीं योजना के तहत परीक्षा देनी थी मगर कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह बंद होने पर उसके सामने एक बड़ी समस्या आ गई, क्योंकि मोटरसाइकिल आदि उसके पास थी नहीं, लिहाजा उसने साइकिल से ही जिला मुख्यालय पर स्थित परीक्षा केंद्र तक पहुंचने का फैसला लिया। उसके घर से परीक्षा केंद्र की दूरी 105 किलोमीटर है।

शोभाराम ने बेटे आशीष को साइकिल पर बैठाया और चल दिया परीक्षा केंद्र की ओर जहां परीक्षा होनी थी। शोभाराम ने लगभग 7 घंटे साइकिल चलाई तब वह कहीं जाकर परीक्षा केंद्र तक पहुंच पाया। सोशल मीडिया पर शोभाराम का वीडियो वायरल हो रहा है। शोभाराम 3 दिन का राशन बांधकर गांव से परीक्षा दिलाने आया है। वह अपने बेटे को अधिकारी बनाना चाहता है। वह अपने साथ बिछौना भी लेकर आया है, क्योंकि होटल आदि में रुकने की उसकी हैसियत नहीं है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH