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बार्डर पर युद्ध की तैयारी? China ने LAC पर तैनात किये 60,000 सैनिक

नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन ने भारत के साथ लगती अपनी सीमा पर 60 हजार सैनिकों को तैनात किया है। संयुक्त राष्ट्र के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने इस बात का दावा किया है। क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों – अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान – ने महामारी के बाद से पहली बार व्यक्तिगत बातचीत के लिए टोक्यो में मुलाकात की। अमेरिका लौटने पर पोम्पिओ ने तीन साक्षात्कार दिए, जिसके दौरान उन्होंने चीन के बुरे व्यवहार की बात कही और कहा कि टाइड की शुरुआत हो गई है।

उन्होंने द गाइ बेन्सन शो में कहा, ‘मैं भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने विदेश मंत्री के समकक्षों के साथ था। चार बड़े लोकतंत्र, चार शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाएं, चार राष्ट्र, जिनमें से प्रत्येक में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा की तरफ से किए जाने वाले खतरों से जुड़े वास्तविक जोखिम हैं। और वे इसे अपने घरेलू देशों में भी देखते हैं।’ इसके बाद उन्होंने लैरी ओ कोनोर से कहा, “वे सभी इसे देख चुके हैं, चाहे वे भारतीय हों, जो वास्तव में भारत के उत्तरपूर्वी हिस्से में हिमालय में चीनियों के साथ एक टकराव कर रहे हैं। चीनियों ने अब उत्तर में भारत के खिलाफ सेना का बड़ा जमावड़ा करना शुरू कर दिया है।”

उन्होंने कहा कि क्वाड देश उन खतरों के प्रतिरोध को पेश करने के लिए नीतियों का एक समूह विकसित कर रहे थे, जिन्हें चीन ने प्रत्येक चार राष्ट्रों के समक्ष प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा, “भारत को इस लड़ाई में संयुक्त राज्य अमेरिका का सहयोगी बनने की जरूरत है।”पोम्‍पिओं ने कहा, ‘दुनिया जाग गई है, टाइड शुरू हो गया है और राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका ने अब एक गठबंधन बनाया है, जो खतरे के खिलाफ खड़ा होगा और अच्छे आदेश, कानून के शासन व बुनियादी नागरिक शालीनता को बनाए रखेगा, जो दुनिया को नियंत्रित करने वाले लोकतंत्रों से आता है न कि सत्तावादी शासन से।’

फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘चीन ने उत्तर में भारतीयों के खिलाफ 60,000 सैनिकों को इकट्ठा किया है। जब ऑस्ट्रेलियाई ने वुहान से वायरस की शुरुआती जांच करने की बात कही, जिसके बारे में हम बहुत कुछ जानते हैं, तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने उन्हें भी धमकी दी। उन्होंने उन्हें धमकाया। हमें भागीदारों और दोस्तों की आवश्यकता है। वे निश्चित रूप से प्रतिक्रिया करने की कोशिश करेंगे, लेकिन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के आदी हो गए थे। एक बहुत लंबे समय के लिए अमेरिका चुप होकर यह देख रहा था, लेकिन अब दूसरी तरह से जवाब देने की बारी है।।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH