नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद फ्रांस ने फिर से लॉकडाउन की घोषणा कर दी है तो वहीं ब्रिटेन में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लागू किया जा सकता है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले हफ्ते से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू कर सकते हैं। तो वहीं भारत की बात करें तो यहां भी कोरोना अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है। कोरोना के मामले पहले की अपेक्षा काफी कम हुए हैं लेकिन इसको लेकर लापरवाही बरतना बहुत बड़ी गलती होगी।
इस बारे में एम्स के निदेशक डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि प्रदूषण के कारण वायरस ज्यादा देर तक हवा में रहता है। प्रदूषण और वायरस, दोनों ही फेफड़े को प्रभावित करते हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ। कई देशों में इसका प्रकोप जारी है। उन्होंने कहा, मास्क जरूर लगाएं। जरूरी काम न हो तो बाहर न जाएं। डॉक्टर गुलेरिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हम सावधानी नहीं बरतेंगे तो और भी ज्यादा मामले सामने आएंगे।
एम्स के निदेशक ने कहा कि युवा वायरस को लेकर लापरवाह हैं। उन्हें लगता है कि माइल्ड इंफेक्शन होगा और हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है। इस धारणा को गलत बताते हुए डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि युवा वायरस को घर ले जा रहे हैं और बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं। प्रदूषण और कोरोना की दोहरी चुनौती को लेकर एम्स के निदेशक ने कहा कि जब तक बेहद जरूरी न हो, बाहर न जाएं. जाना जरूरी भी हो तो मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धूप निकलने के बाद जाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं. दिवाली के बाद तक मामले कम होते रहे तो कह सकेंगे कि पीक खत्म हो गया है।