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पीएम मोदी ने देशवासियों से की साल की आखिरी ‘मन की बात’

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज इस साल की आखिरी मन की बात की। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कई देशवासियों के पत्र मिले हैं. अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है। जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना। जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था। एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है।

पीएम मोदी ने कहा, “देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है। ‘वॉकल फॉर लोकल’ ये आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में, अब यह सुनिश्चित करने का समय है, कि हमारे प्रोडक्ट्स विश्वस्तरीय हों. साथियों, हमें ‘वॉकल फॉर लोकल’ की भावना को बनाये रखना है, बचाए रखना है, और बढ़ाते ही रहना है। आप हर साल न्यू ईयर रिजोल्युशन लेते हैं, इस बार एक रिजोल्युशन अपने देश के लिए भी जरुर लेना है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें। दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए।

पीएम ने कहा कि गीता हमें हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है। गीता की विशिष्टता ये भीहै कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है जब तक जिज्ञासा है, तब तक जीवन है। गीता की ही तरह, हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब, जिज्ञासा से ही शुरू होता है। वेदांत का तो पहला मंत्र ही है – ‘अथातो ब्रह्म जिज्ञासा’ अर्थात, आओ हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें. गीता, हमें, हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है ? वो इसलिए क्योंकि ये स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की ही वाणी है लेकिन गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है. प्रश्न से शुरू होती है।

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH