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क्या मिडिल क्लास को बजट 21 देगा राहत, क्या बढ़ेगी टैक्स छूट की सीमा

नई दिल्ली।(द्वारकेश बर्मन) कोरोना लेकर आए बीते साल के बाद अब इस वर्ष पुनः सरकार बजट का पिटारा लिए तैयार खड़ी है । देश के हर नागरिक की निगाह अब सरकार के बजट पर जा टिकीं हैं , सबको बजट से बड़ी आस है और सबके अपने अपने कयास हैं। आगामी 1 फरवरी को देश का बजट पेश होने वाला है। इस बजट से सबसे अधिक उम्मीदें तो मिडिल क्लास और खासकर नौकरीपेशा लोगों को है। कोरोना काल में बहुत सारे लोगों की नौकरी चली गई थी और बहुत से लोगों की सैलरी भी कटी थी। ऐसे में लोग इस बजट में सरकार से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें कर रहे हैं।

आइए जानते हैं इस बार के बजट में आम आदमी के लिए कौन सी 5 बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।

पहली घोषणा की सबसे बड़ी उम्मीद तो यही जताई जा रही है कि बजट 2021-22 से इस बार सरकार टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा सकती है। अभी टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जिसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है। ऐसी उम्मीद इसलिए भी की जा रही है, क्योंकि पिछले करीब 7 सालों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। जुलाई 2014 में आए बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की थी। अब महामारी के चलते लोग सरकार को आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं और टैक्स जानकार मान के चल रहे हैं कि इस बार टैक्स की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

अब बात करें दूसरी उम्मीद की तो
मौजूदा समय में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश कर के इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छू पाई जा सकती है।

इसबार जानकार इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किए जाने की उम्मीद लगाए है। सुझाव तो यहां तक दिए जा रहे हैं कि इसे बढ़ाकर दोगुना यानी 3 लाख रुपये किया जाना चाहिए। इसमें भी पिछले 7 सालों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। जुलाई 2014 में ही तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया था।

तीसरा विचार है कि इस बजट में एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर 80CCD (1B) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद की जा रही है। बता दें कि अगर मौजूदा स्थिति में आप एनपीएस में 2 लाख रुपये तक भी निवेश कर दें तो 80CCD(1B) की 50 हजार और 80CCD(1) की 1.5 लाख की छूट को मिलाकर पूरे 2 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट पा सकते हैं। हालांकि, इस स्थिति में आप 80CCD(1) के तहत बाकी किसी निवेश (PPF, Tax Saver FD , ELSS) पर टैक्स छूट नहीं पा सकते हैं।

चौथी उम्मीद यह भी की जा रही है कि मोदी सरकार इस बार के बजट में टर्म इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के कदम उठा सकती है। दरअसल, कोरोना काल में बहुत सारे लोगों को टर्म इंश्योरेंस की महत्ता समझ आ गई है, लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग इसमें पैसे खर्च करने से कतराते हैं। टर्म इंश्योरेंस किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार के देखभाल के लिए बहुत जरूरी है।

पांचवी उम्मीद घर बैठे काम करने की सहूलियत की है कोरोना काल में काम करने का तरीका काफी बदल गया है। बहुत सारे लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में बजट 2021 में आम आदमी को उम्मीद है कि घर से काम करने के लिए भी सरकार टैक्स में कुछ छूट दे सकती है, क्योंकि घर से काम करने में कर्मचारी को इंटरनेट, कुर्सी-मेज और कई बार तो छोटा ऑफिस तक सेट-अप करना पड़ा है। उम्मीद की जा रही है कि इसके लिए सरकार कोई स्टैंडर्ड डिडक्शन की ही घोषणा कर दे।

जनता को मुनाफे की आस , सरकार को घाटे की चिंता

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए 130 करोड़ लोगों पर वैक्सीन लगाने का खर्च 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये तक आ सकता है। वित्त मंत्री को अतिरिक्त संसाधनों से यह राशि जुटाने के लिए उपाय करने होंगे। इस वित्त वर्ष के दौरान देश का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 7 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है। पिछले साल के बजट में इसके 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। इसलिए संभव है कि सेस के रूप में टैक्सपेयर्स को ही इसका खर्च उठाना पड़ सकता है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH