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नोटबंदी एक अल्पकालिक चुनौती है : अरविंद सुब्रमण्यम

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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक स्तर (मैक्रो लेवल) पर बहुत स्थिर है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पैदा हालात को व्यवस्थित करना एक अल्पकालिक चुनौती है जो अगले कुछ हफ्तों और महीनों तक रहेगी। एसोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के संवादात्मक सत्र के दौरान सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की अल्पकालिक चुनौतियों में से एक नोटबंदी से हुए घाटे की भरपाई का प्रबंध करना है। यह देखना है कि किस तरह से हम लोग नोटबंदी का अगले कुछ हफ्तों या महीनों में प्रबंधन करते हैं। उन्होंने कहा, हालांकि यह अल्पकालिक प्रक्रिया होगी।
वस्तु एवं सेवाकर की दर कम करने की मांग पर उन्होंने कहा कि कम और आसान कर को हमेशा से बेहतर माना जाता है। उन्होंने रियल एस्टेट और बिजली को जीएसटी में शामिल करने की बात उठाई।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व रेट में बढ़ोतरी जैसी कुछ महत्वपूर्ण वैश्विक गतिविधियों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इसका सामना करने में पूरी तरह से समर्थ है।
उन्होंने कहा कि इसका पहले से अनुमान था और यह अपेक्षित था। उनका अपना मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इसके प्रभाव को पचा जाने में पूरी तरह से समर्थ है। भारतीय रिजर्व बैंक की नीति ने भी बहुत तर्कसंगत तरीके से इसका ध्यान रखा है। अल्पकालिक तौर पर कुछ चीजें हो सकती हैं लेकिन यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे लेकर हम लोगों को चिंता करने की जरूरत है।
उभरते बाजारों (उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों) से पैसे निकलने पर उन्होंने कहा कि अमेरिकी चुनावों के बाद उभरते बाजारों से बहुत पैसा निकल रहा है। लेकिन भारत के साथ अच्छा यह है कि इसके आकर्षण का केंद्र होने की वजह से हमलोगों पर असर बहुत कम पड़ेगा।

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Dileep Kumar
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