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घर में 20 घंटे पड़ा रहा रिटायर्ड दरोगा की पत्नी का शव, कोरोना के डर से रिश्तेदारों ने मोड़ा मुंह

हरदोई: कोरोना कॉल में मुसीबत में पने भी लोगों का साथ नहीं दे रहे हैं। सगे रिश्तेदार और अगल-बगल के पड़ोसी भी लोगों का साथ निभाने सामने नहीं आ रहे है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सामने आया जहां एक सेवानिवृत्त पुलिस के दरोगा की पत्नी की रात बुखार से पीड़ित होने के बाद अचानक मौत हो गई।  घर में बीमार पति एक बेटा और दो बेटियां थी जो अपनी मां का छत पर पड़े शव को नीचे लाने में असमर्थ थी।  बेटियों ने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मदद करने की गुहार लगाई लेकिन कोरोना से मौत होने के भय के चलते किसी भी रिश्तेदार ने मौके पर जाना जरुरी नहीं समझा तो पड़ोसियों ने मदद के नाम पर अपने घर के दरवाजे बंद कर लिए। घर की छत पर कमरे में 20 घंटे से पड़े शव की सूचना जब एक युवा समाजसेवी को मिली तो उसने कुछ लोगों के साथ आगे आकर मौके पर पहुंचकर छत पर पड़े महिला के शव को नीचे उतरवाया और उसके बाद विधिवत महिला का अंतिम संस्कार कराया।

शहर कोतवाली इलाके के आजाद नगर मोहल्ले में यह मकान सेवानिवृत्त पुलिस के दरोगा मक्का लाल का है।मक्का लाल पिछले कुछ महीने से अस्वस्थ चल रहे हैं इसी दौरान कल शाम को उनकी 65 साल की पत्नी लड़ेती देवी को अचानक बुखार आया उसके बाद उनकी रात में लगभग एक बजे उनकी छत पर बने कमरे में ही मौत हो गई। घर में अचेत अवस्था में बीमार पिता के अलावा एक बेटा और दो बेटियां थी जो मां की मौत के बाद छत पर पड़े मां के शव को नीचे लाने में असमर्थ रहे तो उन्होंने अपने सगे रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मदद मांगी लेकिन कोरोना वायरस से मौत होने के भय के चलते कोई भी सगा रिश्तेदार और पड़ोसी मौके पर नहीं पहुंचे।

मां के छत पर पड़े शव को नीचे लाने के लिए चार लोग तक नहीं जुड़ पाए और करीब 20 घंटे तक शव ऐसे ही छत पर बने कमरे में पड़ा रहा।जिसके बाद कुछ लोगों ने एक समाज सेवी युवक राजवर्धन सिंह को सूचना दी।सूचना पाकर राजवर्धन सिंह और कुछ युवक मौके पर पहुंचे और शोक में डूबे परिवार की मदद करके छत पर पड़े महिला के शव को नीचे उतारा और उसके बाद श्मशान घाट पर जाकर अंतिम संस्कार कराया। कोरोना काल में जहा अपने भी लोगो की मदद नहीं कर पा रहे है ऐसे में एक गैर युवक द्वारा मदद करना अपने आप में एक मिसाल है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH