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युवाओं के मन में भारतीय सभ्यता के मूल्यों को भरें : राष्ट्रपति

युवा, भविष्य, प्रणब मुखर्जी, सभ्यताPranab Mukherjee

 

 

युवा, भविष्य, प्रणब मुखर्जी, सभ्यता
Pranab Mukherjee

नई दिल्ली | युवाओं को उज्जवल भविष्य के प्रकाश स्तंभ बताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को उनकी असली क्षमता का अहसास कराने के लिए उनके मन में समृद्ध भारतीय सभ्यता के मूल्य भरने को कहा। राष्ट्रपति यहां एसोचैम, एसआरईआई फाउंडेशन और टाइम्स समूह द्वारा नौंवे विश्व मानवता समागम, शक्ति और अध्यामिकता पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

मुखर्जी ने कहा, “जैसा कि हम सामाजिक आर्थिक विकास के उच्च स्तर के लिए प्रयास करते हैं, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम बराबर हमारे मूल्यों से जुड़े रहें। यह विकास के पथ पर हमें दिशा दिखाएगा जो भाव और ज्ञान में समृद्ध है। ”

राष्ट्रपति ने कहा कि इस समागम की विषय वस्तु ‘सच भारत : कार्य में अध्यामिकता’ बहुत ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि अध्यामिकता किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कभी-कभी धर्म के साथ जोड़ने पर इससे भ्रम पैदा होता है, लेकिन कार्यस्थल समेत हमारे दैनिक जीवन के साथ इसके मजबूत संबंध के गूढ़ अर्थ हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए कठिन परिश्रम करना अपने आप में एक भक्ति है।

आधुनिक जीवन में काम के दबाव और चिंता की समस्या के बारे में बातें करते हुए उन्होंने कहा, “कार्य के दबाव और चिंता के बीच हमलोगों को साबित करना है, हम मन की शांति और आंतरिक संतुष्टि की खोज के लिए इच्छा से भी संचालित होते हैं। ”

राष्ट्रपति ने कहा, ” इन विविध धागों को एक सूत्र में पिरोना कठिन नहीं है, लेकिन इन्हें समझना होगा। हमें जीवन के अर्थ को समझने के लिए गहराई में जाना होगा।” एसआरईआई फाउंडेशन एक सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट है जिसकी स्थापना साल 2001 में एक में हुई थी।

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