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कोरोना के खिलाफ भारत को मिली एक और सफलता, सितंबर तक आ सकती है जायकोव-डी

कोरोना वायरस के खिलाफ भारत को बड़ी सफलता मिली है। बुहत जल्द देश की दूसरी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी सितंबर के अंत तक बाजार में आ सकती है।  जायडस कैडिला की जायकोव-डी वैक्सीन दुनिया की पहली प्लाज्मिड डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन है और यह एक मात्र वैक्सीन है, जिसे भारत ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए मंजूरी दी गई है। इस वैक्सीन के माध्यम से कोरोना की आने वाली तीसरी लहर से बचने में मदद मिल सकेगी।

 

कीमत हो सकती है बहुत कम

जायडस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ शर्विल पटेल के अनुसार वैक्सीन की कीमत तकनीक, क्षमता और वॉल्युम के आधार पर निर्धारित की जाएगी। उम्मीद है कि कीमत इसकी अन्य वैक्सीन से कम हो। उन्होंने कहा कि जायडस कैडिला की कोशिश रहेगी कि वह प्रति वर्ष वैक्सीन की 10 से 12 करोड़ डोज तैयार कर सके।

 

तीन खुराक वाली वैक्सीन है  ZyCoV-D

सबसे बड़ी बात कि यह तीन खुराक वाली वैक्सीन है जिसे  0, 28 और 56 दिन की अवधि पर दिया जाएगा। कंपनी के एमडी शर्विल पटेल ने कहा कि कंपनी की कोशिश  जल्द से जल्द दो डोज की वैक्सीन के लिए मंजूरी पाने की भी है, हालांकि इसके लिए उन्हें कोई तय समय सीमा नहीं दी है।

 

25 डिग्री पर तीन महीने तक रखी जा सकती है यह वैक्सीन

जायकोव-डी कोरोना वैक्सीन की एक और खूबी यह है कि यह 25 डिग्री पर तीन महीने तक रखी जा सकती है और इस खूबी से रखरखाव की समस्या कम होगी।

 

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