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गांधी जयंती के मौके पर ट्विटर पर ट्रेंड हुआ ‘गोडसे जिंदाबाद’, भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा- ऐसे ही लोग देश को शर्मसार कर रहे हैं

दिल्लीः आज महात्मा गांधी की जयंती है और पूरा देश बापू को नमन कर रहा है। मगर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आज उनकी जयंती के मौके पर सोशल मीडिया पर ‘गोडसे जिंदाबाद’ ट्रेंड करवा रहे हैं। ट्विटर पर ‘ नाथूराम गोडसे जिंदाबाद’ ट्रेंड होने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता वरुण गांधी ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि ऐसे ही लोग देश को शर्मसार कर रहे हैं। दरअसल, शनिवार को राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की 152वीं जयंती पर वरुण गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बता दें कि 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी।

वरुण गांधी ने ट्वीट किया, ‘भारत हमेशा एक आध्यात्मिक महाशक्ति रहा है, लेकिन यह महात्मा हैं जिन्होंने हमारे देश के आध्यात्मिक आधार को अपने अस्तित्व के माध्यम से व्यक्त किया और हमें एक नैतिक अधिकार दिया, जो आज भी हमारी सबसे बड़ी ताकत है। गोडसे जिंदाबाद ट्वीट करने वाले देश को गैर-जिम्मेदाराना शर्मसार कर रहे हैं।

ट्विटर पर नाथूरमा गोडसे जिंदाबाद हैशटैग के साथ कई ट्वीट किए जा रहे हैं। वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में इस हैशटैग का इस्तेमाल नहीं किया। वरुण गांधी के पोस्ट पर 7 हजार से अधिक लाइक्स आ चुके हैं और काफी रीट्वीट भी किए जा चुके हैं। बता दें कि बापू की जयंती पर पीएम मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी से लेकर कई दिग्गज नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’ उन्होंने कहा, ‘गांधी जयंती पर मैं बापू को नमन करता हूं। उनके आदर्श सिद्धांत दुनियाभर में प्रासंगिक हैं और लाखों लोगों को मजबूती देते हैं।’ बाद में प्रधानमंत्री राजधानी के राजघाट स्थित बापू के समाधि स्थल भी गए और उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर वहां सर्व धर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया।

बता दें कि महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 में हुआ था। उनके जन्मदिन को गांधी जयंती के साथ ही अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का उन्होंने नेतृत्व किया था। अहिंसक विरोध का उनका सिखाया हुआ सबक आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है।

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