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Rolls-Royce ने बनाया दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला ऑल-इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट, जानिए पूरी खबर

इंग्लैंड की मशहूर लग्जरी कार कंपनी Rolls-Royce  के ऑल-इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्टल- Spirit of Innovation (स्पिरिट ऑफ इनोवेशन) को आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे तेज ऑल-इलेक्ट्रिक वाहन घोषित कर दिया गया है। इसकी टॉप स्पीड तीन किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक 555.9 किमी प्रति घंटा हैं। इस एयरक्राफ्ट के साथ कंपनी ने Siemens के ई-एयरक्राफ्ट Extra 330 LE Aerobatic के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। सीमेन्स के इस ई-एयरक्राफ्ट ने साल 2017 में 231.04 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरी थी।

सबसे कम समय में 3,000 मीटर का रिकॉर्ड 

यूके के रक्षा मंत्रालय के Boscombe Down (बॉस्कोम्बे डाउन) प्रायोगिक विमान टेस्टिंग साइट पर अपने आगे की उड़ानों में, यह इलेक्ट्रिक विमान 15 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक 532.1 किमी प्रति घंटा की टॉप स्पीड तक पहुंच गया। इससे पिछला रिकॉर्ड 292.8 किमी प्रति घंटा का था। इसने 202 सेकंड का समय लेते हुए सबसे कम समय में 3,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने का रिकॉर्ड भी बनाया।

623 किमी प्रति घंटा की रफ्तार

रिकॉर्डतोड़ परफॉर्मेंस के दौरान इस एयरक्राफ्ट की अधिकतम रफ्तार 623 किमी प्रति घंटा रही। इसी रफ्तार के कारण यह दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला ई-एयरक्राफ्ट बन गया है। इस नए विश्व रिकॉर्ड को आधिकारिक तौर पर फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनेल (एफएआई) – वर्ल्ड एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा वेरिफाई किया गया है। एजेंसी वर्ल्ड एयरोनॉलिटकल और अंतरिक्ष यात्री रिकॉर्ड को नियंत्रित और प्रमाणित करती है।

500 hp पावर का मोटर

अपनी रिकॉर्ड-तोड़ उड़ानों के दौरान इस इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट ने 400 kW के इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल किया। यह मोटर 500 hp तक का पावर जेनरेट करता है। इस रिकॉर्ड उड़ान के दौरान एयरक्राफ्ट में टेस्ट पायलट के अलावा रोल्स-रॉयस के डायरेक्टर ऑफ फ्लाइट ऑपरेशन्स फिल ओ’डेल भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, “ऑल-इलेक्ट्रिक फ्लाइट के लिए विश्व रिकॉर्ड तोड़ना एक महत्वपूर्ण मौका है। यह मेरे करियर की अहम बात है और पूरी टीम के लिए एक अविश्वसनीय उपलब्धि है।”

एडवांस्ड बैटरी का किया इस्तेमाल

इस रिकॉर्ड के लिए, रोल्स-रॉयस ने एविएशन एनर्जी स्टोरेज स्पेशलिस्ट YASA के साथ साझेदारी में काम किया। रोल्स-रॉयस का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए विकसित की गई एडवांस्ड बैटरी और प्रोपल्शन टेक्नॉलजी का एडवांस्ड एयर मोबिलिटी मार्केट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रोल्स-रॉयस के सीईओ वॉरेन ईस्ट ने कहा, “यह एक और मील का पत्थर है जो ‘जेट जीरो’ को एक वास्तविकता बनाने में मदद करेगा और टेक्नोलॉजी की सफलताओं को डिलीवर करने के लिए हमारी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करता है, जो समाज को हवा, जमीन और समुद्र में परिवहन को डीकार्बोनाइज करने की जरूरत है।”

इन्होंने किया फाइनेंस

स्पिरिट ऑफ इनोवेशन एयरक्राफ्ट ACCEL या एक्सेलरेटिंग द इलेक्ट्रिफिकेशन ऑफ फ्लाइट प्रोजेक्ट रोल्स-रॉयस का एक हिस्सा था। इस परियोजना को व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति विभाग और इनोवेट यूके के साथ साझेदारी में एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (एटीआई) द्वारा आधा वित्त पोषित किया गया है।

 

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