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चिदंबरम ने नोटबंदी को बताया त्रासदी

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मुंबई। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी को स्थाई महत्व की त्रासदी बताया, जिसने देश के करोड़ों लोगों को दुखी कर दिया है। चिदंबरम ने बेलाग कहा, यह गरीब विरोधी कदम है और इसने करोड़ों किसानों, छोटे व्यापारियों और कामगारों को दुख और कठिनाइयों में डाल दिया है। इसने ऐसा मिथक बना दिया है कि सभी नकदी काला धन है, जबकि ऐसा नहीं है।

चिदंबरम ने नोटबंदी करनेवाले देशों का हवाला देते हुए कहा, हम अब लीबिया, जिम्बाब्वे, वेनेजुएला और उत्तर कोरिया के साथ खड़े हैं। कांग्रेस नेता ने दोहराया कि इससे काला धन समाप्त नहीं होगा, क्योंकि वह रखा हुआ नहीं है, बल्कि बाजार में दौड़ रहा है और जब तक यहां काले धन की मांग रहेगी, तब तक उसकी आपूर्ति होती रहेगी। उन्होंने कहा, लोग अब नए नोट में घूस लेते पकड़े जा रहे हैं। तो फिर नोटबंदी से क्या अंतर आया? जो लोग नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं, वे मामूली अर्थशास्त्र भी नहीं जानते।

चिदंबरम ने यहां मुंबई विश्वविद्यालय के अर्थशा विभाग द्वारा आयोजित डीटी लकड़वाला स्मारक व्याख्यान में भारत में आर्थिक सुधारों के 25 साल विषय पर व्याख्यान के दौरान यह बातें कही। इस दौरान विश्वविद्यालयके कुलपति संजय देशमुख भी उपस्थित थे। चिदंबरम ने कहा कि 1991 के बाद से 11 मौलिक सुधार किये गए हैं और उन्होंने छात्रों से 12वां सुधार लाने का आग्रह किया। उन्होंने 11 महत्वपूर्ण सुधारों में औद्योगिक लाइसेंस का उन्मूलन, स्थिर विनिमय दर, कर की दरों में कमी, पीपीपी मॉडल, दूरसंचार में राज्य के एकाधिकार के उन्मूलन और निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में लाने का नाम लिया।

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Dileep Kumar
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