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जेएनयू के विद्यार्थियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाए : न्यायालय

नई दिल्ली, जेएनयू, नजीब अहमद, जी. एस. सिस्तानीdelhi high court

 

 नई दिल्ली, जेएनयू, नजीब अहमद, जी. एस. सिस्तानी
delhi high court

नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में गुरुवार को पुलिस को जेएनयू के नौ विद्यार्थियों का जल्द से जल्द लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाए जाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति जी. एस. सिस्तानी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को विश्वविद्यालय के इन पूर्व विद्यार्थियों के निवास पर खोजबीन करने के लिए भी कहा।

अदालत ने मामले को 23 जनवरी, 2017 तक के लिए स्थगित करते हुए कहा, “जितनी जल्दी हो सके नौ विद्यार्थियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाए।”

अदालत को जब बताया गया कि नौ विद्यार्थियों में से दो पूर्व छात्र हैं और विश्वविद्यालय परिसर के बाहर निवास करते हैं तो अदालत ने पुलिस से दोनों पूर्व विद्यार्थियों के आवास की खोजी कुत्तों की मदद से जांच-पड़ताल करने के लिए कहा।

लापता विद्यार्थी नजीब की मां फातिमा नफीस ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करते हुए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से अपने बेटे को अदालत के सम्मुख पेश करने की मांग की है।

जेएनयू में एमएससी प्रथम वर्ष का छात्र 27 वर्षीय नजीब 14 अक्टूबर से ही विश्वविद्यालय परिसर में स्थित अपने छात्रावास से लापता है। लापता होने से पहले कथित तौर पर उसी दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट की थी। एबीवीपी ने हालांकि नजीब के लापता होने में संगठन की संलिप्तता से पूरी तरह इनकार किया है।

पुलिस ने अदालत को बताया कि छात्रावास के कमरे में नजीब के साथ रहने वाले एक अन्य विद्यार्थी कासिम ने लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए सहमति जताई थी और बुधवार को पुलिस के साथ इस प्रक्रिया में शामिल भी हुआ, लेकिन अगले ही दिन उसने टेस्ट करवाने से मना कर दिया। कासिम ने कहा है कि वह अपने वकील से विचार विमर्श के बाद ही इस पर कोई फैसला लेगा।

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