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सैफ अली खान, करीना, 'लव-जिहाद', ‘तैमूर’, इस्लाम को आधुनिक होने की जरूरतsaif kareena with taimur
सैफ अली खान, करीना, 'लव-जिहाद', ‘तैमूर’, इस्लाम को आधुनिक होने की जरूरत
saif kareena with taimur

करीना से शादी के बाद लिखा था खत  

मुंबई। अपने बेटे ‘तैमूर’ के जन्म के बाद सैफ-करीना एक बार फिर चर्चा में हैं. ऐसी ही चर्चा या आलोचना उनकी तब भी हुई थी जब दोनो ने दो साल पहले शादी की थी आज ही की तरह उस समय भी दोनो को बधाइयों के साथ ही आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। उसी समय सैफ अली खान ने एक खत लिखा था जो उस समय संभवतः उतनी चर्चा नहीं पा सका था। वर्तमान माहौल में वह खत लोगों को एक नई दिशा दिखा सकता है।

सैफ ने अपने उस खत में लिखा था, ‘जब मैंने और करीना ने शादी की थी उस वक्त हमें उपहास का कारण बनाया गया था और हमारी शादी को ‘लव-जिहाद’ का मसला बताया गया था।

सैफ ने लिखा था, ‘हम लोग उस धर्म या आध्यात्मिक बातों को मानते हैं, जिसमें हमारा विश्वास है। हम दोनों उनके बारे में बातें करते हैं और एक दूसरे के विचारों का सम्मान करते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे बच्चे भी ऐसा ही करेंगे।’ उन्होंने कहा कि शादी के बाद हमने अपने नए घर में हवन के साथ कुरान भी पढ़ा और पुजारी ने पवित्र जल भी छिड़का।’

इस्‍लाम को दी थी आधुनिक बनने की सलाह

सैफ ने लिखा था, ‘मुझे पता है लोग अपनी बेटी की शादी मुस्लिम से कराने से डरते हैं, वे धर्म परिवर्तन, तलाक और बहुविवाह से डरते हैं। क्योंकि यह लड़कियों से ज्यादे लड़कों के पक्ष में दिखता है लेकिन अब ये बातें पुरानी हो चुकी हैं।

उन्‍होंने अपने खत में लिखा कि इस्लाम को सबसे ज्यादा आधुनिक होने की जरूरत है और स्वयं को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए बदलाव भी जरूरी है। हमें अच्छाई और बुराई के बीच फासले के लिए आवाज उठाने की भी जरूरत है।’

सैफ ने अपने इस खत में कहा था, ‘इस दौर में इस्लाम को जितना नापसंद किया जा रहा है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। यह मेरे लिए सबसे बड़ी शर्मिंदगी की बात है क्योंकि मैंने हमेशा इस्लाम को चांद, रेगिस्तान, हस्तलिपि, उड़ती कालीन से जोड़कर देखा है।

मेरे लिए इस्लाम हमेशा एक शांति की बात करने वाला धर्म रहा है लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ मैं देख रहा हूं कि इस धर्म के स्वरूप में बदलाव किया जाने लगा है।

इसका बुरे रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है। इस कारण से मैंने लोगों के बनाए सभी धर्मो से दूरी बना ली। मैं खुद को एक आध्यात्मिक शख्स के तौर पर स्वीकार करता हूं।’

उन्होंने ‘लव जिहाद’ के लिए कहा था, ‘हमारे यहां अगर कोई दूसरे धर्म में शादी कर रहा है तो उसे धर्म बदलने की जरूरत नहीं है। हमारे यहां सभी धर्मों को बराबर मान्यता है।

यह देश ही हिन्दू, मुस्लिम और कई धर्मों से मिलकर बना है लेकिन दूर्भाग्य की बात यह है कि लोग भारत के इतिहास को भूलते जा रहे हैं। मुझे नहीं पता कि ‘लव जिहाद’ क्या है। यह देश में एक नई समस्या के रूप में उभरा है।

किसी भी धर्म से बड़ा बताया था राष्‍ट्रधर्म  

सैफ ने यह भी कहा था कि मुझे ऐसा लगता है कि देश में लोगों के धर्म से पहले राष्ट्र धर्म होना चाहिए। सभी लोगों के लिए एक कानून होना चाहिए, सबके लिए एक ही नागरिक आचार संहिता होनी चाहिए। हम अपने बच्चे को अलग-अलग धर्म के बारे में बेशक बताए, मगर साथ ही यह भी सिखाए कि सभी को सम्मान और प्यार भी दे।

माता-पिता की शादी के समय था जान का खतरा

उन्होंने कहा, ‘जब मेरे माता-पिता ने शादी का फैसला किया था तो उस वक्त लोगों के लिए उनकी शादी को एक्सेप्ट करना इतना आसान नहीं था। दोनों को जान का खतरा भी था लेकिन मेरे माता-पिता ने हार नहीं मानी। हम लोग असल जिन्दगी में ही प्रेम कहानी के बीच बड़े हुए हैं। हम लोगों को विश्वास है कि भगवान एक है और उनके नाम अलग-अलग है।

बताना जरूरी है कि अपने बेटे का नाम ‘तैमूर’ रखने के बाद से कई लोग सैफ और करीना की निंदा करने लगे हैं। सोशल साइट्स पर ‘तैमूर’ नाम पर एक बहस ही शुरू हो गई है। कई लोगों ने इस नाम को हिंदू विरोधी भी बताया।

करीना और सैफ ने इस मुद्दे पर अभी तक कुछ नहीं बोला है, लेकिन इस मौके पर दो साल पहले सैफ के एक खत पर फिर से गौर करने की जरूरत है। करीना से शादी के समय भी सैफ और करीना पर आलोचनाओं का वार शुरू हो गया था।

इनकी शादी को ‘लव जिहाद’ तक का मसला बता दिया गया था। उस वक्त सैफ ने एक खुला खत लिखकर सबको करारा जवाब दिया था। आज कुछ लोग सैफ-करीना के खिलाफ नफरतों का माहौल खड़ा करने की कोशिश कर रहे इसलिए इस वक्त एक बार फिर उस खत को सबके सामने लाने की जरूरत है।

 

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