बरेली। बरेली में थाना कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को फर्जी दरोगा गिरफ्तार किया है। उसने बरेली में रहने वाली अधिवक्ता से पहले फेसबुक पर दोस्ती की।इसके बाद शादी करने की बात कहकर आज उससे मिलने चला आया, लेकिन बातचीत में शक होने पर अधिवक्ता ने कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना दी। वहीं पुलिस की पूछताछ में फर्जी दरोगा की पोल खुल गई।
आरोपी के पास से एक उत्तर प्रदेश पुलिस का पहचान पत्र भी मिला है। अधिवक्ता ने बताया कि बीते दिनों फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी, जिसे उसने एक्सेप्ट कर लिया। इस बीच बातचीत के दौरान फर्जी दरोगा ने अपना नाम वाराणसी निवासी सत्यम त्रिपाठी बताया और खुद को 2019 के बैच का बताते हुए अपनी पोस्टिंग लखनऊ के हजरतगंज थाने में बताई।
साथ ही उसने कहा कि वो लखनऊ के थाना हजरतगंज में तैनात है और वो उससे शादी करना चाहता है। इस पर हमने कहा कि आप तो अभी अपरिचित ही हैं, ऐसे कैसे हम आपसे शादी कर सकते हैं। इसके लिए पहले हमें एक दूसरे के घर आना पड़ेगा. इस पर वो बोला कि मेरे मम्मी, पापा की कार एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है और उसके पापा सीओ थे और मामा जी ने मुझे पाला है।
फिर हमने उसे मिलने बरेली बुलाया और इधर-उधर की बातचीत होने लगी। इस दौरान हमने सचिन त्रिपाठी से पूछ लिया कि आप विवेचना कैसे करते हैं. उसने कुछ अजीब से जवाब दिया फिर हमें कुछ शक हुआ। इसके बाद उससे पूछा कि धारा 164 क्या होती है। कैसे पर्चा काटा जाता है, कैसे पीड़िता का मेडिकल कराया जाता है। उसे प्रोसेस की कोई जानकारी नहीं थी।
वकील ने कहा कि इस पर मेरा शक और भी गहरा गया फिर हमने अपने जानने वाले एक दरोगा को उसकी कुछ डिटेल भेजी। फिर उन्होंने उसे पुलिस लाइन बुलाया। वहां उससे पूछा गया कि 3 बटा 25 की फ्रद कैसे बनाते हो। यूनिफार्म पहनकर आने की क्या जरूरत थी. इस सवालों से डर कर वो वहां से भागने लगा और उसे पकड़ लिया। ऐसे फर्जी दरोगा की पोल पट्टी खुल गई।