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आजमगढ़: पत्रकार व शिक्षाविद पं. अमरनाथ तिवारी की अंतिम यात्रा में उमड़ी भारी भीड़

आजमगढ़। एक विद्वान साहित्यकार यशस्वी पत्रकार और शिक्षाविद की अंतिम यात्रा से पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के एक युग की यात्रा का अंत हो गया है। आजमगढ़ के अजमतगढ़ इलाके के ख्यातिलब्ध स्मिथ इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रहे अमरनाथ तिवारी उप्र जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के जनपद इकाई के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे।

तमसा के तट पर एक साधक के तौर पर उन्होंने आजमगढ़ का गजेटियर तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी किया। आजादी के आंदोलन का दस्तावेज माने जाने वाले लोकप्रिय हिंदी दैनिक आज से जुड़े पं. अमरनाथ तिवारी सामाजिक सरोकारों को निभाते रहे।

इसी कड़ी में उन्होंने ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के संरक्षक के तौर पर समाज में ब्राह्मणों की भूमिका पर हमेशा बल देने का काम किया। साहित्यिक संवेदना से जुड़ी उनकी तमाम किताबों ने हमेशा आम आदमी से उनकी निकटता बढ़ाएं रखी।

इतना ही नहीं आजादी के आंदोलन को भी नजदीक से देखने वाले स्व. अमरनाथ तिवारी को बाद के दिनों में तमाम मंचों पर पत्रकारिता के परिवेश पर टिप्पणी करते हुए भी देखा गया। 96 वर्ष की अवस्था में अंतिम सांस लेने वाले अमरनाथ तिवारी को जनपद के तमाम  पुरस्कारो से सम्मानित किया गया।

सादगी और सरलता से भरे मूर्धन्य पत्रकार के निधन पर उनके आवास पर तमाम सामाजिक संगठनों और रंगमंच सहित अधिवक्ताओं और बुद्धिजीवियों का तांता लग गया। इस मौके पर राजनीतिक दलों समेत साहित्यकारों और शिक्षाविदों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई।

जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता के उतार-चढ़ाव का दौर देख चुके एक युग का अंत हो गया है।

बीजेपी के पूर्व मीडिया पैनलिस्ट अमित तिवारी ने कहा कि सर्वसमाज का प्रतिनिधित्व करने वाले पंडित जी को उनकी कृतियों और कर्तव्यों के लिए लंबे समय तक याद किया जाता रहेगा।

आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष गोविंद दुबे ने स्व. तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्यिक मंच पर रिक्तता महसूस की जाती रहेगी। अमरनाथ तिवारी के निधन को एक युग का अंत बताया।

ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष बृजेशनंदन पांडे ने कहा कि अमरनाथ तिवारी सदैव अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सामाजिक सरोकारों के हित में करते रहे जिसके लिए लंबे समय तक याद किए जाते रहेंगे।

गौरतलब है कि पंडित अमरनाथ तिवारी की अंतिम यात्रा लगभग 12:00 बजे दोपहर दोहरीघाट के लिए प्रस्थान कर गई। जहां उन्हें मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी गई।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH