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RBI Repo Rate Hike: RBI ने आधार दरों में एक बार फिर किया संशोधन, बढ़ जाएगी लोन EMI

नई दिल्ली : RBI ने एक बार फिर अपने आधार दरों में संशोधन किया है । जिसके महंगाई की मार आम आदमी पर पड़ेगी है । गवर्नर शक्तिकांत दास ने नई दरों का आज ऐलान किया है।

RBI ने अपनी नई मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। एमपीसी ने अपनी बैठक में एक बार फिर अपनी दरों को बढ़ाने का फैसला किया है। रेपो रेट में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज बढ़ी दरों का ऐलान किया।

भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में गिरकर 5.72% हो गई, लेकिन अब भी यह आरबीआई के वांछित स्तर से ऊपर है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कि नवीनतम आंकड़े पिछले महीने की तुलना में खुदरा मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट और आगे के मॉडरेशन को दर्शाते हैं। इसी प्रवृति को ध्यान में रखते हुए महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला किया है। एमपीसी ने समीक्षा बैठक में रेपो रेट में इजाफा किया है।

25 बीपीएस की बढ़ोतरी

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार, 8 फरवरी, 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। रेपो दर में 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी। आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में 225 आधार अंकों की वृद्धि की है।

मौद्रिक नीति समिति ने बैठक में Liquidity Adjustment Facility (LAF) के तहत रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले सात महीनों में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई छठी वृद्धि है।

केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दिसंबर में दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।

वैश्विक परिस्थियों से अछूता नहीं है भारत

गवर्नर दास ने कहा कि पिछले वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने मौद्रिक नीति का परीक्षण करते रहने की जरूरत महसूस कराई है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए, हाल के महीनों में आरबीआई ने मुद्रास्फीति को कितनी अच्छी तरह नियंत्रित किया है, अनुमान है कि यह जल्द ही यह टॉलरेंस बैंड के भीतर होगी। कराधान के मोर्चे पर हाल के सुधारों के माध्यम से ऐसा लगता है कि सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को बचत पर केंद्रित अर्थव्यवस्था से उपभोग पर आधारित अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए नियमों को बदल दिया है।

एमएसएफ, एसडीएफ दरों में बढ़ोतरी

एसडीएफ (स्थायी जमा सुविधा) दर 6% से 6.25% तक समायोजित की गई हैं। MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) की दरें 25 बीपीएस से बढ़कर 6.75% हो गई हैं।

दरों में आखिरी बढ़ोतरी?

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि शायद यह रेपो दरों में आखिरी बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रुक जाएगी, इसके बाद अगले साल से दरों में उलटफेर शुरू हो जाएगा।

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH