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उप्र विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने कहा- भारी मन स्थगित कर रहा हूं सदन

लखनऊ। उप्र की विधानसभा में आज गुरुवार को जाति जनगणना के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। सपा विधायक डॉ. संग्राम सिंह ने सरकार से जातीय जनगणना को लेकर सवाल किया था, जिसका जवाब मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दिया लेकिन सपा विधायक उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।

सूर्य प्रताय शाही ने कहा यह केन्द्र सरकार के हाथ में है। यूपी अब बहुत आगे निकल चुका है, जिस प्रदेश में चारा खाया जाता रहा है हम उस प्रदेश की तरफ़ नही जाना चाहते हैं।

इस असंतोष के बाद जब स्पीकर ने कार्यवाही को आगे बढ़ाने की कोशिश की तो सपा विधायकों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इससे नाराज होकर स्पीकर सतीश महाना ने कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि वह बहुत भारी मन से यह फैसला ले रहे हैं।

महाना ने कहा कि मेरी जो मंशा सत्र को चलाने की थी, जिस प्रकार से आपका (विपक्ष का) सहयोग था, मुझे लग रहा था कि विपक्ष भी सरकार के विषयों पर सुझाव दे सकता है। सवाल कर सकता है और यह विपक्ष का अधिकार है लेकिन विपक्ष अपने अधिकरों से भाग रहा है और सरकार के उत्तर को सुनने के लिए तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैंने निर्णय लिया था कि सदन को किसी भी प्रकार से स्थगित नहीं करूंगा लेकिन अगर आप इस प्रकार का आचरण करते हैं तो ऐसे विधानसभा नहीं चल पाएगी। विपक्षी दल के विधायकों को संबोधित करते हुए महाना ने कहा कि आपके हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है लेकिन आप सरकार का जवाब सुनना नहीं चाहते तो मुझे लगता है कि आपके पास कोई सवाल बचा नहीं है।

इसके बाद भी सपा विधायकों का प्रदर्शन जारी रहा। वे ‘दलित विरोधी ये सरकार, नहीं चलेगी-नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाते रहे। इसके बाद स्पीकर सतीश महाना अपनी जगह पर खड़े हो गए और विधायकों को शांत करने की कोशिश की।

इसके बाद भी जब प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए तो उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत भारी मन से आज यह निर्णय ले रहा हूं, जो मेरे स्वभाव के भी विपरीत है और मेरी मंशा के भी और प्रदेश की जनकल्याणकारी विषयों के भी विपरीत है। जनता चाहती है कि प्रतिनिधि अपनी बात उठाएं। आप अपनी बात नहीं उठाना चाहते हो।’

उन्होंने कहा कि जिस बात को आपको बाहर कहने का अवसर मिलता, वो आप यहां करना चाहते हो। विधानसभा इस बात की इजाजत नहीं देती।

स्पीकर की इस अपील को भी सपा विधायकों ने अनसुना कर दिया और नारेबाजी करते रहे। इसके बाद सतीश महाना ने कहा, ‘ये कठिन समय है। मैं ये बात नहीं कहना चाहता था लेकिन ये कहने के लिए माननीय सदस्यों ने मजबूर किया। ये परंपरा थी कि विधानसभा का सत्र एक भी मिनट के लिए स्थगित नहीं हुआ था। मैं चाहता था कि मैं पूरा एजेंडा ले लूं लेकिन सरकार की ओर से कहा गया कि पूरा एजेंडा आना चाहिए। फिर मैं आपको अपनी बात रखने का अवसर दूंगा। मैं सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित करता हूं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH