दिल्लीः पिछले साल कोरोना के चलते बड़े स्तर पर साइबर अटैक की चेतावनी दी गई थी। जिसके बाद कई बड़े साइबर अटैक हुए भी लेकिन अब मिली जानकारी के अनुसार पिछले छह महीने में संस्थानों पर होने वाले साइबर अटैक में 29 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।ये साइबर अटैक यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के देशों में हुए हैं। अमेरिका और एशिया प्रशांत में भी बड़े स्तर पर साइबर अटैक हुए हैं। संस्थानों पर होने वाले रैनसमवेयर अटैक 93 फीसदी का इजाफा हुआ है। अन्य देशों के मुकाबले हैकर्स के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार रहा है।
चेक प्वाइंट की रिपोर्ट से मिली जानकारी
साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट ने ‘Cyber Attack Trends: 2021 Mid-Year’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें तमाम तरह की संस्थाओं जैसे सरकारी, स्वास्थ्य और अन्य पर होने वाले साइबर अटैक के बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक केवल अमेरिका में होने वाले साइबर अटैक में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। यहां हर सप्ताह औसतन 443 साइबर हमला हुआ है।
भारत रहा हैकर्स का सबसे बड़ा बाजार
चेक प्वाइंट की रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स के लिए भारत पहले नंबर पर था। भारतीय संस्थानों पर हर सप्ताह औसतन 1,738 बार साइबर अटैक हुए हैं, जबकि ग्लोबली यह संख्या 757 प्रति सप्ताह है। पिछले छह महीनों में भारत में स्वास्थ्य संस्थाओं, एजुकेशन और रिसर्च, सरकार और मिलिट्री, इंश्योरेंस और लीगल, मैन्यूफैक्चरिंग जैसी संस्थाओं पर हैकर्स के निशाने पर सबसे ज्यादा रहे हैं।
रैनसमवेयर अटैक में भी भारी इजाफा
चेक प्वाइंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि रैनसमवेयर अटैक में भी भारी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि किसी संस्थान के सिस्टम को हैक करके डाटा चोरी करना और डाटा के बदले पैसे वसूलना हैकर्स के लिए आम बात हो गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हैकर्स अब नए तरह के मैलवेयर जैसे -Trickbot, Dridex, Qbot और IcedID का इस्तेमाल कर रहे हैं।